लंदन: ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका बुधवार को लगातार तीसरी बार खारिज कर दी। मोदी भारत में PNB के साथ 2 अरब डॉलर तक की बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी हैं।
48 वर्षीय मोदी वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा आर्बुथनॉट के समक्ष पेश हुए। मोदी के वकीलों ने जमानत राशि को बढ़ाकर दोगुना यानी 20 लाख पाउंड करने की पेशकश की, साथ ही उन्होंने कहा कि वे लंदन स्थित अपने फ्लैट में 24 घंटे की नजरबंदी में रहने के लिए तैयार हैं।
लंबी सुनवाई के दौरान बैरिस्टर क्लेयर मोंटगोमेरी ने न्यायाधीश से कहा कि वैंड्सवर्थ जेल मे स्थितियां रहने योग्य नहीं हैं। मोदी किसी भी शर्त को मानने को तैयार हैं, जो उन पर लगाई जाएंगी। हालांकि न्यायाधीश इन दलीलों से सहमत नहीं हुईं।
जज आर्बुथनॉट ने कहा कि धोखाधड़ी की राशि बहुत ज्यादा है और ऐसे में 20 लाख पौंड की जमानत राशि नाकाफी है। यदि उन्हें जमानत दे दी गई तो वे आत्मसमर्पण करने में असफल रहेंगे इसलिए अदालत ने मोदी को जमानत देने से इंकार कर दिया।
इससे पहले भारत की ओर से दलील रखते हुए क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने कहा कि मोदी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि बचाव पक्ष ने जो सबूत पेश किए हैं, वे परिस्थितियों में किसी तरह का बदलाव नहीं दर्शाते हैं।