H3N2 Influenza वायरल को लेकर 11 मार्च को नीति आयोग की बैठक, मार्च के अंत तक कम हो जाएंगे बुखार के मामले

कर्नाटक और हरियाणा से H3N2 Influenza वायरस से एक-एक मौत की पुष्टि हुई है. इसके बाद लोगों के मन में कोरोनावायरस वाला दौर लौटने का खौफ जग गया है. हालांकि आज स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि बीमार बुजुर्गों और बच्चों को H3N2 Influenza से सावधान रहने की ज्यादा जरुरत है. राहत की बात ये है कि मार्च खत्म होते होते फ्लू के मामले घटने के आसार हैं. सरकार के मुताबिक भारत में हर साल फ्लू के दो सीजन आते हैं. पहला जनवरी से मार्च और दूसरा मॉनसून खत्म होने के बाद. ये वो वक्त है जब भारत में वायरल बुखार के मामलों में तेजी देखी जाती है. भारत में ओपीडी और भर्ती मरीजों में बुखार के मामलों पर निगरानी रखी जा रही है.

सभी मामलों में से आधे में H3N2 पाया गया

ICMR के मुताबिक 15 दिसंबर से बुखार के सभी मामलों में से आधे में Influenza A का सब टाइप H3N2 पाया गया है. अस्पताल में भर्ती मरीजों में से आधे H3N2 के शिकार हैं. कुल भर्ती मरीजों में से 92% को बुखार, 86% को खांसी और 27% को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं 16% को सांस लेने में तकलीफ हुई और 16% को निमोनिया और 6% को दौरे भी पड़े. H3N2 के शिकार 10% मरीजों को ऑक्सीजन और 7% को ICU की जरुरत पड़ रही है.

जानिये स्वास्थ्य मंत्रालय का डाटा (LATEST DATA ON H3N2)

9 मार्च तक देश में H3N2 influenza वायरस के 3038 केस कंफर्म हुए हैं. इनमें से करीब 1200 केस जनवरी में महीने में और 1300 फरवरी में नोटिस किए गए. मार्च के महीने की बात करें तो 486 केस सिर्फ 9 मार्च तक ही दर्ज किए जा चुके हैं. अगर सभी तरह के वायरल बुखार को जोड़ कर देखें तो जनवरी के महीने में करीब 4 लाख केस दर्ज हुए, वहीं फरवरी में 4 लाख 36 हजार और मार्च के केवल 9 दिनों में लगभग 1 लाख 33 हजार केस रिपोर्ट किए जा चुके हैं.

इतने मरीजों को किया गया भर्ती

जनवरी में 7041 मरीजों को भर्ती होने की जरुरत पड़ी थी. फरवरी में 6919 और मार्च में अभी तक 1866 मरीज भर्ती हो चुके हैं. जनवरी और फरवरी के महीनों में 955 केस H1N1 के भी रिपोर्ट हुए.

जानिये क्या है H1N1 ?

आपको बता दें कि साल 2009-2010 में भारत में H1N1 का कहर बरपा था. तब इसे आम भाषा में स्वाइन फ्लू कहा जाता था. भारत में ICMR की 27 रिसर्च लैब भी इन केस को स्टडी कर रही हैं. स्टडी के मुताबिक इस समय भारत में तीन तरह के वायरस सक्रिय हैं, जिसमें सबसे ज्यादा फैलने वाला Influenza A वायरस का सब टाइप H3N2 है.

कौन सी दवा करेगी काम

WHO के मुताबिक H3N2 के इलाज में Oseltamivir काम में आ सकती है. इससे पहले H1N1 के फैलाव के वक्त भारत में इस दवा का काफी इस्तेमाल हो चुका है. ये टेमीफ्लू ब्रांडनेम से बिकती है और आसानी से उपलब्ध है. सरकारी अस्पताल ये दवा मुफ्त में देते हैं.

ICMR ने जारी की ये एडवाइजरी

H3N2 की बीमारी में बाकी वायरस के मुकाबले खतरनाक है. इससे ग्रसित मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है. इससे बचने के लिए ICMR ने एडवाइजरी जारी की है.

जानिये एडवाइजरी की जरूरी बातें

1. मास्क पहनें और भीड़ वाली जगहों से फिलहाल बचें.

2. खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को ढकें.

3. आंखों और नाक को बार बार न छुएं.

4. बुखार और बदन दर्द हो तो पैरासिटामोल ले लें.

5. एक दूसरे से हाथ ना मिलाएं.

6. सावर्जनिक जगहों पर ना थूकें.

7. एंटीबायोटिक ना लें, जब तक डॉक्टर ऐसा करने को ना कहें.

8. ग्रुप में एक साथ बैठकर खाना खाने से बचें.