नीतीश कुमार को अपनी पार्टी JDU के 117 विधायकोंए 4 निर्दलीयों, 4 कांग्रेसी विधायकों और एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक का समर्थन मिला। जेडीयू का एक विधायक जेल में है। नीतीश के विश्वास प्रस्ताव के विरोध में मतदान करने वालों में आरजेडी के 22 विधायक और दो निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
वोटिंग के लिए पर्ची या बटन सिस्टंम नहीं होने की वजह से विधानसभा अध्यकक्ष उदय नारायण चौधरी ने सदस्यों को खड़ा कराकर गिनती की। इससे पहलेए नीतीश ने विश्वाषसमत प्रस्ताणव पर बहस के दौरान गुजरात के मुख्यकमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। विश्वापस मत हासिल करने के दौरान नीतीश कुमार ने बीजेपी पर शब्दों के तीर चलाते हुए कहाए ‘विश्वासघात दिवस’ मनाने के दौरान जिस तरीके का व्यरवहार हुआ और जैसी घटनाएं हुईं उससे तो यही लगा चलो अच्छा हुआए हम अलग हो गए।
उन्होंने एक बार फिर कहा कि छक्। टूटने के लिए उनकी पार्टी नहीं बल्कि BJP जिम्मेदार है। उन्हों्ने कहाए श्बिहार की जनता ने सुशासन के नाम पर जनादेश दिया है। लोग जनादेश की व्याख्याक अपने हिसाब से कर रहे हैं। BJP पर जाति आधारित राजनीति करने का आरोप लगाते हुए और मोदी पर ताना कसते हुए नीतीश ने कहा कि पिछड़ा वर्ग परिवार में जन्मि लेने मात्र से ही कोई पिछड़ों का नेता नहीं बन जाता है।
नीतीश ने नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना कहा कि BJP में किसी के नाम की जो लहर बनी है, जल्द ही वो सपना उनका टूटने वाला है, क्योंकि बिना गठबंधन के BJP सरकार नहीं बना सकती। वहीं नीतीश ने अपनी सरकार के पक्ष में वोट करने के लिए कांग्रेस का शुक्रिया भी अदा किया। लेकिन मीडिया के सामने नीतीश ने यह भी साफ कर दिया कि फिलहाल JDU कांग्रेस से हाथ मिलाने नहीं जा रही है।
नीतीश ने 2003 की वीडियो क्लिप की चर्चा करते हुए कहा कि उस वक़्त मैंने यह भी कहा था कि गुजरात के माथे पर काला धब्बा लग गया है। उन्हों ने कहा, न जाने लोग यह क्यों भूल जाते हैं कि BJP ने भी राजधर्म का पालन करने की सलाह दी थी। BJP यदि विवादित मुद्दों और विवादित शख्स को अलग रखते हुए हमारी बात मान जाती तो बिहार में इस तरह की समस्याय नहीं आती। नीतीश ने अपने भाषण के दौरान पहले से लिखा एक शेर भी पढ़ाए श्आया तो बार बार संदेशा अमीर काए हमसे मगर हो न सका सौदा जमीर का।
वहींए BJP नेता और सदन में नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव ने नीतीश पर विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए JDU को आड़े हाथ लिया। उन्हों ने पूछा कि जब शनिवार तक खुद उन्होंतने बतौर मंत्री काम किया है तो रविवार को उन्हेंय और BJP के अन्यश मंत्रियों को बर्खास्तक क्योंह कर दिया गया। नीतीश से नाराज BJP ने सदन का बहिष्कार किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। BJP का कहना है कि वोटिंग का कोई मतलब नहीं है।
नीतीश का कहना है कि कांग्रेस ने सेकुलर के नाम पर समर्थन देने की बात की है। प्रधानमंत्री ने सेकुलर के नाम पर तारीफ भी की है। इसके लिए उनका शुक्रियादा भी किया। उन्होंने कहा कि BJP को उनके साथ चलने से फायदा हुआ। नीतीश ने यह भी कहा कि श्जो लोग अपने बड़े बुजुर्गों का सम्मोहन नहीं कर पाए वह हमें विश्वातसघाती कैसे कह सकता है। अटल जी ने राजधर्म पालन करने की बात कही थी तब मैंने उसकी प्रशंसा की थी।