नई दिल्ली: हमेशा पाकिस्तान का साथ देने वाला चीन अब भारत के साथ आ गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब भारत और चीन सेनाओं ने जम्मू-कश्मीर में सैन्य अभ्यास किया। इस अभ्यास से पाकिस्तान के पसीने जरूर छूट जाएंगे। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में दोनों देशों के बीच यह पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास है। दोनों देशों में न्यूक्लियर सप्लयार्स ग्रुप और आतंकी मसूद अजहर को लेकर उपजे डिप्लोमैटिक तनाव के बीच यह अहम कदम है।
बता दे कि दोनों देशों के बीच 2013 में हुए सीमा रक्षा सहयोग समझौता के तहत पूर्वी लद्धाख में किया। ये वही जगह है जहां पर 1962 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच भयंकर युद्ध हुआ था।
उधर संयुक्त अभ्यास को लेकर लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पार पाकिस्तानी एजंसियों में काफी हरकत देखी गई। दिन भर के सैन्य अभ्यास के दौरान भारतीय सीमा पर एक गांव में काल्पनिक भूकंप की स्थिति में मानवीय सहायता और आपदा राहत पर जोर दिया गया। संयुक्त टीमों ने बचाव अभियान चलाया, लोगों को सुरक्षित निकाला गया और मेडिकल सहायता प्रदान की। इसके पहले 6 फरवरी को जॉइंट एक्सर्साइज की गई थी और यह उसकी अगली कड़ी थी।
भारतीय सेना की तरफ से टीम की अगुवाई ब्रिगेडियर आरएस रमन ने किया तो चीन की तरफ से नेतृत्व सीनियर कर्नल फन जुन। दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुए इस सफल संयुक्त अभ्यास का मकसद पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तैनात दोनों मुल्कों की जवानों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग के रिश्ते को आगे बढ़ाना है।