ब्रिटेन में रह रहे प्रवासी भारतीयों के संगठन ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत से जुड़ी फाइलों के विवर्गीकरण (डिक्लासीफिकेशन) करने के पक्ष में जनता को एकजुट करने के लिए वैश्विक अभियान शुरू किया है। उनका कहना है कि भारतीयों को सच जानने का हक है। संगठन ने सरकार से नेताजी से संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग की है।
‘द नेताजी सुभाष फाउंडेशन यूके’ ने 18 अगस्त को ‘डिक्लासीफिकेशन डे’ यानी ‘विवर्गीकरण दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन 1945 में ताइवान में एक विमान दुर्घटना में नेताजी की कथित तौर पर मौत हुई थी।
यहाँ फाउंडेशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘नेताजी के गायब होने का रहस्य समाप्त नहीं हो रहा है। भारत में इसके लिए जागरूकता अभियान चल रहा है। स्वाभाविक रूप से, विदेश में रह रहे हम भारतीय भी इस अभियान से पीछे नहीं हट सकते हैं। भारतीय मूल के सांसद लॉर्ड नवनीत ढोलकिया के नेतृत्व में फाउंडेशन ने यह अभियान शुरू किया है।