नूंह में 31 जुलाई को भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद आज पहला शुक्रवार है. ऐसे में जुमे की नमाज के दौरान शांति बनी रहे और कोई विवाद न हो, इसके लिए खास इंतजाम किए गए हैं. बड़ी जामा मस्जिद के इमाम मौलाना मुफ्ती जाहिद हुसैन ने कहा कि उन्होंने लोगों से घर पर रहकर नमाज अदा करने की अपील की है.
मौलाना ने कहा, ‘हमने पूरे इलाके से अपील की है जुमे की नमाज अपने गांव की मस्जिदों या घरों में पढ़ें, यहां बाजार में न आएं. प्रशासन ने यही दरख्वास्त की थी. हम जायज बातों के लिए प्रशासन के साथ हैं. हमारे यहां 4 से 5 हजार लोग नमाज के लिए इकट्ठा होते हैं जोकि आज नहीं होंगे, लेकिन जो भी नमाज पढ़ने आएगा हम अमन शांति के साथ नमाज पढ़ेंगे . हमारा खुतबा अमन शांति के लिए होगा. नमाज पढ़ने वाला कभी हिंसा नहीं करता है.’
मौलाना ने गिरफ्तारियों को बताया गलत
मौलाना ने नूंह हिंसा में हुई गिरफ्तारियों को लेकर कहा कि गिरफ्तार सब यहीं के हुए हैं लेकिन ये गलत हुए हैं. उनका कहना है कि पुलिस ने गलत लड़कों को पकड़ लिया है और उन्होंने कल मीटिंग में भी प्रशासन के लोगों से यह बात कही थी कि गिरफ्तारियां गलत हुई हैं.
मौलाना मुफ्ती जाहिद हुसैन ने आगे कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को लेकर जो वीडियो डाली गई वो मोनू मानेसर या बिट्टू बजरंगी हैं. बादशाहपुर, गुरुग्राम में मस्जिदों में आग लगा दी. वहां कार्रवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा, ‘मैं पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हूं. ऐसी धार्मिक यात्रा नहीं होती जिसमें तलवारें लहराई जाती हैं. यात्रा से भी गोली चली है. प्रशासन ने उस वीडियो के खिलाफ एक्शन लिया होता तो ये नहीं होता. प्रशासन इसकी जिम्मेदारी ले.
मौलाना ने कहा कि प्रशासन के पास उनके सवालों का जवाब नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हम मीडिया से नहीं सिर्फ अल्लाह से डरते हैं. बाहर से क्या जरूरत थी हथियार लाने की. ये यात्रा सिर्फ 3 साल से शुरू हुई है. 2021 में भी इस यात्रा के लोग मजार तोड़ कर गए थे. तीनों सालों में यहां झड़प हुई है. यह प्रशासन की नाकामी है.