मोतिहारी के जिला कृषी पदाधिकारी कार्यालय मे भ्रष्टाचार के अजब गजब खेल हैं। जिला कृषी पदाधिकारी धर्मवीर पण्डेय और एमवीआई भुवनेश्वर प्रसाद सिंह छापेमारी के दिन से ही भूमीगत हो गए हैं। दोनों व्यक्ति छापेमारी के वक्त भी ऑफिस या घर पर नहीं आए ना ही ईओयू के सामने अपना पक्ष रखा। छापेमारी मे बरामद कागजातो कि छानबीन करने पर चैकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं बड़े मियाँ तो बडे मियाँ छोटे मियाँ सुभान अल्ला को चरीतार्थ करता हैं यह कार्यालय।
साहब तो साहब उनके नाजिर के कार्यालय मे भी भ्रष्टाचार का गजब खेल देखने को मिला। आधिकारीक सूत्रों के अनुसार जिला कृषी पदाधिकारी धर्मवीर पाण्डेय और नाजिर द्वारा सारे नियमों को ताक पर रख कर काम किये जा रहे थे छापेमारी के दौरान मिले चेक और अन्य दास्तवेजों से यह पुख्ता सबुत मिले हैं कि श्री पाण्डेय ने 24 मई की तारीख में ही जिले के प्रखण्ड कृषी पदाधिकारीयों के नाम 10 करोड़ से ज्यादा के 17 चेक पर हस्तक्षर किए लेकिन एक पखवारा गुजरने के बाद भी उन्हें नहीं सौपा जब ईओयू ने छापेमारी की तो नाजिर के कार्यालय मे सभी चेक मिले इसके अलावा निजि फर्मो को भी मनमर्जी से भुगतान के सबुत मिले जिसके कई सबूत ईओयू को मिले।
वहीं 3 जून की तारीख में मोतिहारी के स्टेशन रोड स्थित तरूण खाद बीज भंडार को 4 करोड़ 29 लाख का भुगतान किया गया जिसकी भी जाँच की जा रही हैं कि आखिर इतनी बड़ी राशि एक दिन में देने के पिछे क्या मंशा हैं छापेमारी मे कार्यालय के नाजिर अगनू चैधरी के अलमारी से बरामद छोटे बैग व पॉलिथीन में रखे नगद जिसपर नाम व 1 और 2 प्रतिशत लिखा वहा व्याप्त भ्रष्टाचार को खुद बयां कर रही हैं। जाँच अधिकारीयों का मानना हैं कि जप्त कि गई रकम कमीशन की हैं मामले कि तह तक पहुंचने के लिए ईओयू भूमिगत धर्मवीर पाण्डेय ,एमवीआई भुवनेश्वर प्रसाद व नाजीर अगनू चैधरी की तालास मे हैं फिलहाल आर्थिक इकाई ने विभाग को पत्र लिख कर अवगत करा दिया हैं।