modi at auditorium

शिक्षक दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देश भर के स्कूली बच्चों को संबोधित किया

modi at auditorium शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के स्कूली छात्रों को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने जीवन में शिक्षक की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा बच्चों का चरित्र गढ़ती है और बच्चे राष्ट्र का। आज की तारीख में शिक्षक दिवस की महत्ता कम हो गई है। यह सिर्फ छुट्टी और आयोजन तक सीमित हो गया है। हमें इसके बारे में विचार करना होगा। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि क्या कारण है कि बहुत सामर्थ्यवान विद्यार्थी टीचर बनना पसंद नहीं करता, हमें सोचना होगा कि होशियार विद्यार्थी शिक्षक क्यों नहीं बनना चाहते।

पीएम मोदी ने हेड मास्टरों को एसएमएस भेजकर शिक्षक दिवस की बधाई दी। शिक्षक दिवस परस्कूली छात्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच के संवाद को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के मकसद से दूरदर्शन, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वेब चैनलों के जरिये इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) किया गया।  मोदी ने स्थानीय मानेकशॉ ऑडिटोरियम से छात्रों को संबोधित किया, जिसका सीधा प्रसारण दूरदर्शन के सभी चैनलों और रेडियो द्वारा हुआ। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बात पहुंचाने के मकसद से वेब पर भी सीधा प्रसारण किया गया।

पीएम ने कहा, क्या हम बच्चों के मन में यह भावना नहीं जगा सकते कि एक अच्छा टीचर बनें, हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम अच्छे टीचरों को एक्सपोर्ट कर सकें। पीएम ने कहा कि अध्यापन देश की उत्तम सेवा है। एक बच्चे के जीवन में मां और शिक्षक का योगदान सबसे बड़ा होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक तकनीक के महत्व को समझें और उन्हें सीखें।

पीएम ने कहा, मुझे सफाई के लिए हर स्कूल से मदद चाहिए। हम राष्ट्रनिर्माण को जनांदोलन बना दें, तो सफल होंगे। हर किसी की शक्ति को जोड़ना होगा। देश के हर पढ़े-लिखे व्यक्ति को हफ्ते में एक बार स्कूल जाकर जरूर पढ़ाना चाहिए। पीएम ने बच्चों से कहा कि जीवन में खेल-कूद नहीं हो, तो जीवन खिल नहीं सकता, इसलिए बच्चे खेलकूद में सक्रिय रूप से भाग लें, ताकि जिंदगी किताबों के बोझ तले दब न जाए।

स्कूली बच्चों के सवालों के जवाब देते हुए पीएम ने कहा कि देश की सेवा करने के लिए जान देना या राजनेता बनना ही जरूरी नहीं है, बिजली बचाकर और एक पौधा लगाकर भी देश की सेवा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मेरा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि लड़कियां स्कूली पढ़ाई बीच में न छोड़ें, सभी स्कूलों में शौचालय की पहल इसी प्रयास का हिस्सा है। मोदी ने कहा कि जलवायु नहीं बदली, हमारी आदतें बदली हैं, अगर हम अपनी आदतें बदल लें, तो जलवायु संतुलन फिर ठीक हो जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मुझे दिल्ली देखने का समय नहीं मिला। उन्होंने कहा कि घर से दफ्तर और दफ्तर से घर, इसी में उनका सारा समय निकल जाता है। हालांकि, मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद ज्यादा कुछ नहीं बदला है। उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के अनुभव ने उनकी मदद की है।

बच्चों में पीएम के भाषण को लेकर खासा उत्साह दिखा। भाषण के बाद पीएम ने बच्चों के सवालों के जवाब दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से छात्र-छात्राओं ने तरह-तरह के सवाल पूछे। प्रधानमंत्री ने बच्चों के सवालों के रोचक अंदाज में जवाब दिए, साथ ही उन्होंने बच्चों को कई सीख भी दीं। पीएम ने बच्चों को यह भी बताया कि अपने बचपन में वह कितने शरारती थे।