दहेज लोभियों ने चढ़ाई एक और बलि

 

dowryचार-चक्का वाहन नहीं मिलने पर ससुराल वालों ने खुशबू को मार डाला। वह चीखती-चिल्लाती रही मगर उसकी आवाज खरामा-खरामा पास के सड़कों पर चल रहे वाहनों के शोर-शराबे में दब कर, उसी की जिन्दगी के अंत पर थम गई, और यहाँ समाप्त हो गई एक और अबला नारी की जिंदगानी ।

कहतें है अबला अब सबला है मगर, दहेज़-प्रथा जैसी कुरीति आज भी चंद दरिंदों की वजह से इस समाज पर हावी है। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र फारबिसगंज के मटियारी मेंएसाल भर हुए व्याही एक युवती की संदिग्ध अवस्था में मौत हो जाने से एक ओर जहाँ लोग हैरान हैं, वहीँ दूसरी ओर मृतका के परिजनों ने, हुए उस मौत के कारण का भांडा फोड़ कर रख दिया है।

परिजनों के अनुसार शादी के बाद से ही मृतका खुशबू को कभी मोटर बाइक तो कभी चार चक्का वाहन की मांग पर लगातार मारा-पिटा जाता था, मगर बीती रात्रि फूल जैसी खुशबू हमेशा-हमेशा के लिए ही समाप्त हो गई। परिजनों ने दहेज़-हत्या का मामला फारबिसगंज ठाणे में दर्ज करवा दिया है एत्वरित कारवाई के अंतर्गत पुलिस ने लाश को पोस्ट-मार्टम हेतु अररिया भेज कर अनुसंधान में जुट गई है ।

रोते-बिलखते इन परिवार वालों को भला क्या मालूम था कि, जिस बेटी को घर से बिदा किये मात्र एक वर्ष बीते नहीं की एवह इस तरह छोड़ कर दुनियां से ही बिदा हो जाएगी। दर-असल हाल ही 29 फ़रवरी 2012 को पास के ही जिला सहरसा की खुशबू नामक 21 वर्षीया लड़की की शादी इन्ही परिवार वालों ने बड़े धूम-धाम से फारबिसगंज एमटियारी के एक एल आई सी एजेंट राजेन्द्र दास के पुत्र अखिलेश दास से की थी।

शादी में अपनी बेटी की ख़ुशी हेतु खुशबू के पिता ने अपने हैसियत से भी ज्यादा दान-दहेज़ दिया था मगर दहेज़ के लोभी अखिलेश और उसके परिवार वालों का फिर भी मन ना भरा तो उसने एक मोटरसाइकिल की भी मांग कर दी, जो खुशबू के परिवार वालों के लिए काफी ज्यादा थी। किन्तु बेटी की खातीर उन्होंने किसी भी प्रकार से यह मांग भी पूरी कर दी, मगर दुष्ट अखिलेश एवं उसके परिवार वालों का जी, इससे भी नहीं भरा तो उसने चार चक्का वाहन की भी मांग कर दी जो उसके लिए कठीण था फिर भी खुशबू के पिता ने देने की बात स्वीकार भी ली थी।

मगर अधैर्यवान अखिलेश वावजूद उसे बार-बार इसके लिए मार-पिट करता रहता था, बीती रात्रि भी कुछ ऐसा ही हुआ था और जब खुशबू का दर्द बर्दास्त से बहार हो गया तो उसकी जान चली गयी।