अभी तो गांधी नगर में दरिंदगी का शिकार एम्स अस्पताल में भर्ती मासूम गुडि़या ने सही से होश भी नहीं संभाला है कि एक और मासूम गुडि़या एम्स में जिंदगी से लड़ रही है। गांधी लगर की पीडि़ता के पास के कमरे में ही एक और पांच साल की दुष्कर्म पीडि़ता बच्ची भर्ती है। लेकिन वह कहां की रहने वाली है और किसने उसके साथ दरिंदगी की, इसकी जानकारी पुलिस के पास नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बच्ची को किसी ने बीते रविवार एम्स परिसर में लाकर छोड़ दिया था।
हौजखास थाना पुलिस व एम्स चैकी पुलिस बच्ची के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही है। दक्षिणी जिले की डीसीपी छाया शर्मा का कहना है कि क्टरों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं की है, लेकिन उसके संवेदनशील अंगों में संक्रमण है। इस मामले का खुलासा शनिवार को तब हुआ जब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया कि जब वह गांधी नगर में दुष्कर्म पीडि़त मासूम को देखने एम्स गई, तब डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि इस बच्ची के बगल वाले कमरे में भी एक पांच साल की दुष्कर्म पीडि़त बच्ची उपचाराधीन है।
उस बच्ची ने अपना और अपनी मां का नाम बताया है। उसने बताया है कि उसके पिता रिक्शा चलाते हैं। लेकिन वह घर नहीं जाना चाहती है। घर के पते के बारे में वह कुछ नहीं बता पा रही है।
सुषमा स्वराज में अपने ट्वीट में यह कहा है कि ऐसे दरिंदों के हाथें बच्चें को बचाने की जरूरत है। दरिंदों के हाथों बच्चों को बचाने की जरूरत है। ऐसे दरिंदों को फांसी दी जानी चाहिए। वहीं एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके शर्मा ने कहा कि करीब एक सप्ताह पहले बच्ची एम्स में लाई गई थी। उसके शरीर पर चोट के निशान थे। उन्होंने कहा कि लड़की की जांच के बाद मडिकल लीगल सर्टिफिकेट तैयार कर पुलिस को सौंप दिया गया है।
खैर यह तो वह केस हैं जो सामने आ गए हैं लेकिन यह घिनौने जघन्य अपराधों का सिलसिला जा बयां कर रहा है इससे ज्यादा शर्मनाक इस समाज के लिए, प्रशासन के लिए, पुलिस व्यवस्था के लिए, कानून के लिए और कुछ नहीं हो सकता।