अफगानिस्तान में बचे हैं सिर्फ 20 सिख परिवार, भारत से शरण की लगा रहे गुहार

काबुल : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक गुरुद्वारे पर शनिवार तड़के भीषण आतंकी हमला हुआ. आतंकवादी बाहर से गोलियां चलाते हुए गुरुद्वारे के भीतर दाखिल हुए और सिखों के घरों को भी निशाना बनाया. इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. गुरुद्वारे पर हमले से सदमे में आए सिख समुदाय के नेताओं ने बताया कि तालिबान शासित अफगानिस्तान में अब सिर्फ 20 सिख परिवार बचे हैं. इनके सभी सदस्यों को मिलाकर पूरे देश में महज 140-150 सिख ही बाकी हैं. इनमें से ज्यादातर पूर्वी शहर जलालाबाद और राजधानी काबुल में रहते हैं.

इन लोगों ने भारत में शरण के लिए गुहार लगाई है. हमले के पीड़ितों का कहना है कि सभी लोग जल्द से जल्द अफगानिस्तान से निकलना चाहते हैं, लेकिन भारत सरकार उन्हें वीजा नहीं दे रही है. इस कारण वह फंसे हैं.आतंकवादी संगठन ने गुरुद्वारे पर हमला करने वाले सुसाइड बॉम्बर की पहचान अबू मुहम्मद के रूप में की है. बीबीसी से बात करते हुए हमले में घायल हुए एक शख्स के रिश्तेदार ने कहा कि अफगानिस्तान में सिर्फ 20 सिख परिवार बचे हैं. उन्होंने कहा कि बचे हुए परिवार भी जल्द से जल्द निकलना चाहते हैं लेकिन भारत सरकार की ओर से उन्हें वीजा नहीं दिया जा रहा है जिस कारण वे यहां फंसे हुए हैं. रिश्तेदार ने कहा, ‘अगर हमें वीजा मिले तो हम तुरंत चले जाएंगे.’

हमले में दो लोगों की मौत

शनिवार को इस्लामिक स्टेट के हमलावरों ने गुरुद्वारा में सुरक्षाकर्मी की हत्या कर दी और ग्रेनेड के साथ अंदर घुसे. इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई. हमले के सूचना पास की चौकियों पर मौजूद तालिबान सदस्यों को मिलते ही वे मौके पर पहुंचे. मीडिया रिपोर्ट में सोशल मीडिया के हवाले से दावा किया गया है कि हमले के बाद गुरुद्वारे से गुरुग्रंथ साहिब स्वरूप को सही-सलामत निकालकर गुरुद्वारा समिति के अध्यक्ष गुरुनाम सिंह के घर पहुंचा दिया गया है.

अफगानिस्तान में पिछले साल तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद सिखों और अन्य अल्संख्यक पर आए दिन हमले हो रहे हैं. जिस गुरद्वारे पर आतंकी हमला किया गया, वह काफी समय से आतंकवादियों के निशाने पर है. इससे पहले बीते वर्ष अक्टूबर में भी कर्ता-ए-परवान गुरुद्वारे पर आतंकियों ने हमला किया था. वहीं, मार्च 2020 में गुरुद्वारा हर राई साहिब में हुए हमले में 25 लोग मारे गए थे.

गुरुद्वारे के पास ही रहने वाले कुलजीत सिंह खालसा ने बताया कि उनका घर गुरुद्वारे के ठीक सामने है. जैसे ही उन्होंने गोलीबारी की आवाज सुनी तो खिड़की से बाहर देखा. वहां अफरा-तफरी मची थी और हमलावर तालिबान चेकपोस्ट के पास खड़ी एक कार के अंदर छिपा था. इसके बाद कार में हुए धमाके से वहां तैनात तालिबान के गार्ड की मौत हो गई और आसपास की दुकानें और घर क्षतिग्रस्त हो गए. यह हमला सुबह की प्रार्थना शुरू होने से करीब आधा घंटा पहले हुआ. हमले के वक्त करीब 30 लोग गुरुद्वारे में मौजूद थे. हमला प्रार्थना शुरू होने के बाद होता तो ज्यादा लोगों के चपेट में आने की आशंका थी.