खालिद नूर ने बताया कि उसने 2004 के लोकसभा चुनाव में पासवान की पार्टी और 2005 के विधानसभा चुनाव में लालू की पार्टी के लिए प्रचार किया था और घूमकर खूब प्रसिद्धि बटोरी थी लेकिन पिछले 5 वर्षों से हाशिए पर रहे इस शख्स को एक बार फिर सुर्खियों में आने का मौका मिल गया है। पटना का रहने वाला खालिद नूर किसी वक्त राष्ट्रीय जनता के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और लोकजनशक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पासवान का खास हुआ करता था।
मुस्लिम वोटों को लुभाने के लिए लालू और पासवान ने नूर को खूब इस्तेमाल किया था और इस बात को लेकर नूर को शिकायत है कि लालू और पासवान ने आने फायेदे के लिए सिर्फ उसका इस्तेमाल किया। नूर मजबूत कद काठी का है। उसने घनी दाढ़ी रखी हुई है। इस कारण वह ओसामा बिन लादेन जैसा लगता है। मई 2011 में अमरीकी नेवी सील कमांडों ने ओसामा को पाकिस्तान के एबटाबाद में स्थित उसके ठिकाने पर मार गिराया था।
नूर ने उस वक्त स्वीकार किया था कि उसका चेहरा ओसामा से मिलता है। बकौल नूर,न तो मैं अच्छा वक्ता हूं और न ही मेरा सपोर्ट बेस है। पटना सहित पूरे बिहार में लोग नूर को असली नाम से नहीं जानते। हर कोई उसे ओसामा बिन लादेन के नाम से ही बुलाता है। नूर के मित्र सलाम इराकी ने बताया कि नूर ने 2004 में उस वक्त राजनीति में प्रवेश किया जब उसने विधानसभा चुनाव के लिए पासवान की पार्टी से टिकट मांगा था। उसे टिकट नहीं मिला लेकिन पासवान ने नूर को पार्टी के लिए प्रचार करने को कहा।
पासवान चुनावी रैलियों में उसका परिचय ओसामा बिन लादेन के रूप में ही देते थे। नूर कट्टरपंथी नहीं है। वह मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष काजी मुजाहिदुल इस्लाम का पोता है। नूर के पिता नूर अहमद समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नाडिस के करीबी हुआ करते थे। नूर की ऎसी छवि बन गई थी कि मोदी ने भी एक बार उसका जिक्र किया था। नूर ने कहा कि उनकी दो पार्टियों से बात चल रही है और वो किसी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। खालिद ने बाहुबली मुख्तार अंसारी से भी समर्थन मांगने की बात भी कही।