पाकिस्तान में फांसी की सजा पाए कुल 12 दोषियों को मंगलवार सुबह फांसी दे दी गई। मौत की सजा पर लगी रोक हटने के बाद एक ही दिन सबसे ज्यादा लोगों को फांसी देने की यह पहली घटना है। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।
प्रवक्ता ने बताया कि फांसी पर लटकाए गए दोषियों में केवल आतंकी ही नहीं थे। कई ऐसे अपराधी भी थे, जिन्हें हत्या के मामलों में मौत की सजा सुनाई गई थी।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मौत की सजा पाए मुबाशिर, शरीफ और रियाज को उनके परिवार के सदस्यों से मिलाने के बाद पंजाब प्रांत के झांग की जिला जेल में फांसी दी गई।
मुबशिर और शरीफ ने 1998 में एक टैक्सी चालक की हत्या की थी और रियाज ने 1995 में एक घरेलू झगड़े में एक शख्स की जान ले ली थी। अपने पिता की हत्या करने के दोषी जफर इकबाल और एक महिला की हत्या करने वाले रब नवाज को पंजाब प्रांत की मियांवाली जिला जेल में फांसी दी गई।
कोरंगी इलाके में डकैती के दौरान एक व्यक्ति की हत्या के जुर्म में फांसी की सजा पाए फजल और फैसल को सिंध प्रांत के कराची केंद्रीय कारागार में फांसी पर लटकाया गया। पंजाब में रावलपिंडी की अडियाला जेल में मालिक नदीम और मुहम्मद जावेद को फांसी दी गई।
एक बच्ची के साथ दुष्कर्म करके उसकी हत्या करने वाले जफर इकबाल को मुल्तान सेंट्रल जेल में और हत्या के दोषी मुहम्मद इकबाल को गुजरांवाला सेंट्रल जेल में फांसी पर लटकाया गया। 1992 में एक मामूली झगड़े में एक नागरिक की हत्या करने वाले मुहम्मद नवाज को फैसलाबाद केंद्रीय कारागार में फांसी दी गई
गौरतलब है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र बहाली के बाद 2008 में मौत की सजा पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन, पिछले साल दिसंबर में पेशावर के सैन्य स्कूल पर हमले के बाद आतंकी मामलों में रोक हटा ली गई। पिछले हफ्ते सरकार ने उन सभी मामलों में मौत की सजा तामील करने का आदेश जारी किया था, जिनमें दोषियों की अपील खारिज की जा चुकी है