16 दिसम्बर को पेशावर में हुए हमले से गुस्साई पाकिस्तान सरकार ने सजायाफ्ता आतंकियों को फांसी चढ़ाना शुरू कर दिया है। दो खूंखार आतंकियों अकील उर्फ डॉ. उस्मान और अरशद महमूद को शुक्रवार रात 9 बजे फैसलाबाद जेल में सजा-ए-मौत दे दी गई।
पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने आतंकी की तस्वीर के साथ ‘गो टू हेल’ (नरक में जाओ) लिखकर ट्वीट किया। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान में 8 और आतंकियों को किसी भी वक्त फांसी दी जा सकती है। उनके डेथ वॉरंट संबंधित जेल अधीक्षकों को प्राप्त हो गए हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान की प्रमुख जेलों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
गौरतलब है कि पेशावर के आर्मी स्कूल में 16 दिसंबर को पाकिस्तानी तालिबान के आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें 132 मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद आतंकियों पर सख्ती दिखाते हुए पाकिस्तान सरकार ने फांसी की सजा पर लगी 6 साल पुरानी रोक हटा ली थी।
आपको बता दें कि अकील को 2009 में सेना के मुख्यालय पर आतंकी हमले में दोषी पाया गया। वहीं अरशद महमूद को 2003 में परवेज मुशर्रफ की हत्या के प्रयास में सजा सुनाई गई थी। खबर है कि पाकिस्तान 17 आतंकियों को फांसी चढ़ाने की तैयारी कर चुका है।
अधिकारियों के मुताबिक, गुरुवार की रात कुछ आतंकियों की मौत के फरमान पर पाक सेना प्रमुख जनरल रहील शरीफ ने दस्तखत कर दिए। पहले चरण में 17 आतंकवादियों को फांसी दी जानी हैं वहीं दूसरे चरण में 45 अन्य खूंखार आतंकियों को फांसी पर चढ़ाया जाएगा। इसी क्रम में आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान की अलग-अलग जेलों में कुल 8 हजार कैदियों को सजा ए मौत दी जाएगी।
पाक गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने कहा कि मौत की सजा का क्रम तीन से चार दिन में शुरू होगा। जेलों में बंद मौत की लंबित सजा के मामलों में पंजाब की जेलों के करीब 5815 कैदी बंद हैं। इनमें से सौ आतंकी हैं। ये प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के सदस्य हैं और इन्हें आतंकवाद रोधी अदालत ने मौत की सजा सुनाई है।