भारत के लिए अक्सर मुसीबत खड़ी करने वाले पकिस्तान के लिए अब बलूचिस्तान से पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। आजादी के लिए आंदोलन कर रहे बलूच ने पाकिस्तान के इस्लामाबाद और लाहौर जैसे शहरों पर सीधे हमले की धमकी दी है। बलूची आंदोलनकारियों ने कहा कि अब पाकिस्तान जंग का मैदान बनेगा।
बलूचिस्तान के लोगों ने अब पाकिस्तान को सीधी धमकी दी है कि अब वो आत्मरक्षा की बजाय आक्रमण की नीति पर चलेंगे। बलूच सेना अब पाकिस्तान को घर में घुसकर मारेगी। बलूच आंदोलनकारियों की बड़ी नेता नायला बलूच ने कहा है कि अब तक बलूच पाकिस्तान पर सीधे हमला नहीं करते थे और हम पाकिस्तानी हमले से खुद को बचाते रहते थे, लेकिन अब बलूच लोग और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते। बलूच में आंदोलन कर रहे नेता भारत से भी इस आंदोलन में समर्थन चाहते हैं।
क्या है बलूचिस्तान मामला : बलूचिस्तान पाकिस्तान के पश्चिम का राज्य है। इसकी राजधानी क्वेटा है। बलूचिस्तान के पड़ोस में ईरान और अफगानिस्तान है। 1944 में ही बलूचिस्तान को आजादी देने के लिए माहौल बन रहा था, लेकिन 1947 में इसे जबरन पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। तभी से बलूच लोगों का संघर्ष चल रहा है और उतनी ही ताकत से पाकिस्तानी सेना और सरकार बलूच लोगों को कुचलती रही है।
आजादी की लड़ाई के दौरान भी बलूचिस्तान के स्थानीय नेता अपना अलग देश चाहते थे, लेकिन जब पाकिस्तान ने फौज और हथियार के दम पर बलूचिस्तान पर कब्जा कर लिया तो वहां विद्रोह भड़ उठा था। यह आंदोलन अभी जिंदा है।
विकास के रास्ते बंद किए : बलूचिस्तान में आंदोलन के चलते पाकिस्तान ने विकास के हर रास्ते इसके लिए काट रखे हैं। बलूचिस्तान के लोगों के दिन की शुरुआत दहशत के साथ होती है। करीमा बलूच की तरह की यहां के कई नेता विदेश में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं और वहीं रहकर पाकिस्तान से आजादी की मांग उठा रहे हैं। अब जब पाकिस्तान में सियासी हालात बिगड़ रहे हैं, तो इन नेताओं ने वक्त रहते अपना आंदोलन तेज करने का फैसला किया है।
तीन संगठनों ने दी धमकी : बलूचिस्तान के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान की सेना ने उनकी जिंदगी नर्क से भी बदतर बना दी है। इस नर्क से निकलने के लिए अब उनका पाकिस्तान पर हमला करना जरूरी हो गया है। अब अपने आंदोलन को और तेज करने के लिए बलूच आंदोलनकारियों की उम्मीद तीन संगठनों पर टिकी है। बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी ने पाकिस्तान पर हमले की धमकी दी है। पाकिस्तान ने इन तीनों ही संगठनों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इन संगठनों ने पाकिस्तान को धमकी दी है कि अगर उन्होंने अब बलूचिस्तान के महत्वपूर्ण इलाके ग्वादर में अपना दखल बढ़ाया तो खैर नहीं होगी।
चीन निवेश कर लूटना चाहता है : इन संगठनों ने आरोप लगाया है कि ग्वादर में चीन जो भी निवेश कर रहा है उसका असली मकसद बलूचिस्तान को लूटना है। बलूचिस्तान के प्रतिबंधित संगठनों ने धमकी दी है कि चीन समेत दूसरे देश ग्वादर में अपना पैसा बर्बाद न करें। दूसरे देशों को बलूचिस्तान की प्राकृतिक संपदा को लूटने नहीं दिया जाएगा। इन संगठनों ने बलूचिस्तान में काम कर रहे चीनी इंजीनियरों पर भी हमले बढ़ा दिए हैं।
चीन बना रहा है पोर्ट : 790 किलोमीटर के समुद्र तट वाले ग्वादर इलाके पर चीन की हमेशा से नजर रही है। पाकिस्तान को साथ समझौता होने के बाद चीन ग्वादर पोर्ट का विकास कर रहा है। बताया जाता है कि ग्वादर पोर्ट बनने के बाद पूरे पाकिस्तान को फायदा होगा और उसकी अर्थव्यवस्था संभल जाएगी, लेकिन इन दावों की पोल बलूचिस्तान के लोग खोल रहे हैं। बलूचिस्तान के लोगों का आरोप है कि सरकार बलूचिस्तान के लोगों को लगातार कुचल रही है और बलूचिस्तान के लोगों को बलूचिस्तान में ही अल्पसंख्यक बनाने की साजिश रची जा रही है।
बन जाएगा दूसरा बांग्लादेश : बलूचिस्तान के लोग और नेता लगातार आंदोलन को तेज कर रहे हैं। उनका दावा है कि जैसे 1971 में पाकिस्तान से कटकर बांग्लादेश बन गया था, उसी तरह एक दिन बलूचिस्तान भी बन जाएगा। बलूचिस्तान के लोग किसी भी कीमत पर पाकिस्तान से अलग हो जाना चाहते हैं। कई बार वहां पाकिस्तानी सेना के खिलाफ आंदोलन और पाकिस्तान के खिलाफ नारे के वीडियो भी सामने आए हैं।