पाकिस्तान के पास पिछले साल भारत से अधिक परमाणु हथियार थे। पिछले साल उसके पास 120 परमाणु हथियार थे। यह संख्या भारत के परमाणु हथियारों की तुलना में 10 अधिक थी। यह खुलासा परमाणु वैज्ञानिकों के बुलेटिन द्वारा विकसित नए इंटरैक्टिव इंफोग्राफिक से हुआ है।
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के वैज्ञानिकों द्वारा 1945 में स्थापित बुलेटिन द्वारा विकसित इंफोग्राफिक नौ परमाणु सक्षम राष्ट्रों में परमाणु हथियारों की संख्या और इतिहास का पता लगाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के वैज्ञानिकों ने मैनहट्टन परियोजना के तहत सबसे पहला परमाणु हथियार विकसित करने में मदद की थी।
न्यूक्लियर नोटबुक इंटरैक्टिव इंफोग्राफिक, बुलेटिन के उस न्यूक्लियर नोटबुक का दृश्य आंकड़ा पेश करता है, जिसने 1987 से विश्व भर के परमाणु शस्त्रागार की संख्या और प्रकार का पता लगाया है। बुलेटिन इंफोग्राफिक के अनुसार, 1980 में परमाणु हथियारों की संख्या 65,000 तक पहुंच गई थी, जो अब घटकर 10,000 रह गई है, लेकिन अब ज्यादा राष्ट्रों के पास परमाणु हथियार हैं। इंफोग्राफिक के मुताबिक, अमेरिका और रूस दोनों के पास पांच-पांच हजार परमाणु हथियार हैं।
फ्रांस के पास 300, चीन के पास 250, ब्रिटेन के पास 225 और इजरायल के पास 80 परमाणु हथियार हैं। उत्तर कोरिया ने 2006, 2009 और 2013 में परमाणु परीक्षण किया है।
बुलेटिन की कार्यकारी निदेशक रेचल ब्रॉन्सन ने कहा, मुझे नहीं लगता कि लोगों को वास्तव में यह मालूम है कि दुनियाभर में कितने परमाणु हथियार मौजूद हैं। उन्होंने कहा, इंटरैक्टिव इंफोग्राफिक यह पता लगाने का एक तरीका है कि किस देश के पास परमाणु हथियार है और उसने कब इसे विकसित किया। इस तरह हम पता लगा सकते हैं कि दुनिया भर में कितने परमाणु हथियार हैं।
बुलेटिन के संपादक जॉन मेकलिन ने बताया, हम एक ऐसा तरीका ढूंढना चाहते थे, जिससे उन संख्याओं को दृश्य रूप में देखा जा सके, क्योंकि हम जिस दुनिया में रहते हैं, वहां आंकड़े बेहद महत्वपूर्ण हैं और यह दृश्यात्मक भी है।
उन्होंने बताया, नया इंफोग्राफिक इस महत्वपूर्ण सूचना को और अधिक सुलभ बनाता है।
न्यूक्लियर नोटबुक के लेखकों में हैंस एम. क्रिस्टीनसन और रॉबर्ट एस. नॉरिस शामिल हैं, जो फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के सदस्य हैं। न्यूक्लियर नोटबुक के ताजा संस्करण में लेखकों ने नोटबुक के 28 साल के इतिहास पर चर्चा की है।