गिलानी के साथ ही हुरियत कांफ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारुख भी पाक उच्चायुक्त से मिले। गिलानी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह मुलाकात जरूरी है। उमर फारुख ने कहा कि बासित से बातचीत को नकारात्माक तौर पर न लिया जाए।
गिलानी ने पाकिस्ता न के साथ बातचीत रद्द करने के भारत सरकार के फैसले को बचकाना और अलोकतांत्रिक बताया है। उन्होंचने कहा कि वे फिर दिल्लील जाएंगे। अगर उन्हेंस मुलाकात करने से रोकने के लिए गिरफ्तार किया गया तो समझ लीजिए भारत अपनी ताकत का इस्तेमाल कर रहा है। इससे पहले सोमवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने कश्मीर के अलगाववादी नेता शब्बीर शाह से मुलाकात की थी। केंद्र सरकार ने इस मुलाकात पर नाराजगी जाहिर की थी। भारत ने इस मुलाकात के बाद ही पाकिस्तांन से सचिव स्तकर की वार्ता भी रद्द कर दी थी।
बासित से मुलाकात के बाद शाह ने कहा कि अगर हम शांति चाहते हैं तो हमें वार्ता जरूर करनी चाहिए और कश्मी र मुद्दे को भी उठाना चाहिए। यहां तक कि जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे तब भी हमें वार्ता के लिए बुलाया गया था। दूसरी ओर, अलगाववादी नेताओं से भारत में पाकिस्ता्न के उच्चारयुक्ते की मुलाकात पर राजनीतिक दलों ने भी कड़ा विरोध जताया है। बीजेपी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पाकिस्तान का अलगाववादियों और आतंक के साथ ‘वाक’ और भारत के साथ ‘टॉक’ अब नामुमकिन है।