नई दिल्ली : वे वयस्क लोग, जो अपने माता-पिता के घर में रहते हुए उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं, सावधान हो जाएं। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसे माता-पिता दुर्व्यवहार करने वाले अपने वयस्क बच्चों को घर से बाहर कर सकते हैं। बुधवार को एक मामले पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया।
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि यह प्रावधान माता-पिता के किराए के मकान पर भी निर्भर करता है। यानी यदि माता-पिता किराए के मकान में भी रह रहे हैं और उनके बच्चे दुर्व्यवहार कर रहे हैं, तो भी वे अपने बच्चों को घर से निकाल सकते हैं।
मेनटीनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरंट्स एंड सीनियर सिटिजन ऐक्ट 2007 (एमडब्ल्यूपीएससीए) के प्रावधानों का जिक्र करते हुए जस्टिस मनमोहन ने यह फैसला दिया। उन्होंने कहा कि सीनियर सिटिजंस मेनटेनेंस ट्रिब्यूनल इस संबंध में निष्कासन आदेश जारी कर सकता है, ताकि माता-पिता शांति से अपने घर में रह सकें।
ट्रिब्यूनल उस बच्चे को जबरन दाखिल होने से रोका सकता है, जो माता-पिता के साथ मारपीट करते हैं और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं या धमकी देते हैं।
हाई कोर्ट के पास एक मामला आया, जिससे कोर्ट को यह पता चला कि दिल्ली सरकार ने बुजुर्ग माता-पिता के लिए यह प्रावधान सिर्फ अपने घर की स्थिति में कर रखा है।
जबकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। कानून के तहत वे अपने किराए के घर से भी बच्चे को बेदखल कर सकते हैं। हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि कोर्ट दिल्ली सरकार को धारा 32 के तहत इस नियम में संशोधन करने और साथ ही इस फैसले का पालन करते हुए धारा 22(2) के तहत कार्य योजना बनाने का आदेश देता है।