पठानकोट: शनिवार तड़के साढ़े तीन बजे कम-से-कम 6 आतंकवादी सेना की वर्दी में पठानकोट एयरफोर्स बेस में घुस गए और फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने पठानकोट एयरबेस में पांचवें आतंकवादियों को मार गिराया है। एनएसजी के आईजी ने पांचवें आतंकवादी के मारे जाने की पुष्टि की। सुरक्षाबलों का संयुक्त ऑपरेशन पिछले 62 घंटे से जारी है। सुरक्षाबलों ने रविवार तक चार आतंकियों को मार गिराया था। आतंकियों के साथ मुठभेड़ में 7 जवान भी शहीद हुए हैं।
अभी तक की जानकारी के मुताबिक इस हमले के पीछे पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद गुट का हाथ है। इस हमले का पैटर्न जुलाई में पंजाब के गुरदासपुर के दीनानगर पुलिस थाने पर हुए हमले जैसा ही है।
आधुनिक हथियारों से लैस आतंकियों का लक्ष्य एयरफोर्स बेस में मौजूद विमानों को नष्ट करना था। यहां वायु सेना के मिग-21 लड़ाकू विमानों और एमआई-25 हेलिकॉप्टरों का बेस है। कल ही एसपी सलविंदर सिंह की किडनैपिंग की कोशिश के बाद से पुलिस अलर्ट पर थी। NSG के कमांडो भेज दिए गए थे। दीवार फांदकर जैसे ही आतंकी घुसे गार्ड ड्यूटी के जवानों ने फायरिंग शुरू कर दी।
एक एनएसजी अधिकारी और डीएससी के 5 कर्मी शहीद हो गए हैं। 17 सुरक्षाकर्मी घायल भी हुए हैं। एक मृत आतंकी के शरीर से जिंदा ग्रेनेड हटाने की कोशिश के दौरान घायल हुए एनएसजी बम निरोधक दस्ते के सदस्य और केरल निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल ई के निरंजन की मौत हो गई थी। इस विस्फोट में चार अन्य सुरक्षा कर्मी भी घायल हो गए थे।
गृह मंत्रालय ने जांच एजेंसी से पूर्ण जांच टीम तैयार रखने को कहा है। पठानकोट में भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर ने अभियान के दौरान हवाई फाइरिंग भी की। इलाके में चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं सुरक्षाकर्मी। स्वैट की टीम भी जुटी कार्रवाई में जुटी हुई है।
इससे पहले NSG के आईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों का संयुक्त ऑपरेशन जारी है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक पूरी तरह एयरबेस से आतंकियों के खात्मे की पुष्टि नहीं हो जाती।
वायुसेना के अड्डे की दोमंजिला इमारत में अब भी छिपे दो आतंकियों को बाहर निकालने के लिए अभियानों को तेज किए जाने के बीच इमारत में आज एक शक्तिशाली विस्फोट हो गया। आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का आज तीसरा दिन है। एनएसजी, भारतीय वायुसेना और सेना के अधिकारियों ने कहा कि वायुसेना की रणनीतिक संपत्ति को कोई समानांतर नुकसान नहीं हुआ है।
एनएसजी के महानिरीक्षक मेजर जनरल दुष्यंत सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अभी तक, हमने चार आतंकियों को मार गिराया है और दो अन्य आतंकियों को मारने के लिए जारी अभियान संभवत: अपने अंतिम चरण में है।’ सिंह ने कहा, ‘पूरा अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक सभी कर्मियों, संपत्तियों, ढांचे की तलाशी नहीं ले ली जाती। इसलिए इसमें एक लंबा समय लग सकता है।’ इस अवसर पर सिंह के साथ एयर ऑफिसर कमांडिंग- एयर कमांडर जे एस दामून और ब्रिगेडियर अनूपिंदर सिंह भी मौजूद थे।
ब्रिगेडियर सिंह ने कहा, ‘ये आतंकी एक दोमंजिला इमारत में छिपे हैं, जो कि वायुसेना के कर्मियों का निवास स्थान है। फिलहाल इस इमारत को आतंकियों से खाली करवाने के लिए अभियान जारी है।’ एयरफोर्स का इलाका ‘बहुत बड़ा’ है। इस इलाके में भारतीय वायुसेना की रणनीतिक संपत्ति रखी हुई है। इसके अलावा भारतीय वायुसेना के कर्मियों के परिवार और स्कूल भी यहां हैं।
भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘यह एक छोटा शहर है।’ उन्होंने कहा कि वायुसेना की रणनीतिक संपत्ति को निशाना बनाने के लक्ष्य के साथ आतंकी ‘पूरी तैयारी’ के साथ आए थे और वे ‘बहुत से हथियारों से लैस’ हैं। अधिकारी ने कहा कि आतंकी हमले की खुफिया जानकारी मिलने के बाद एक जनवरी से ही सेना जनरल अलर्ट पर थी।
अधिकारी ने कहा कि अड्डे पर कार्मिक एवं रणनीतिक संपत्ति के होने के कारण सुरक्षाबलों द्वारा लगातार तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं। एयर कमांडर दामून ने कहा कि एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ- एयरमार्शल एस पी देव अभियान का निरीक्षण कर रहे हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पठानकोट एयरबेस में छिपे आतंकियों के सफाए के लिए चल रहे अभियान और अफगानिस्तान में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
पठानकोट में चल रहे अभियान में 5 आतंकी मार गिराए गए हैं जबकि एक गरूड़ कमांडो, एक एनएसजी अधिकारी और डीएससी के पांच कर्मी शहीद हो गए हैं। 17 सुरक्षाकर्मी घायल भी हुए हैं। एक मृत आतंकी के शरीर से जिंदा ग्रेनेड हटाने की कोशिश के दौरान घायल हुए एनएसजी बम निरोधक दस्ते के सदस्य और केरल निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल ई के निरंजन की मौत हो गई थी। इस विस्फोट में चार अन्य सुरक्षा कर्मी भी घायल हो गए थे।
डीएससी के तीन घायल जवानों की भी दो और तीन जनवरी की दरम्यानी रात को मौत हो गई। गरूड़ कमांडो गुरूसेवक सिंह और डीएससी के दो अन्य सदस्य शनिवार को जारी गोलीबारी में मारे गए। यह एयरबेस भारत-पाक सीमा से महज 35 किलोमीटर की दूरी पर है।
सूत्रों के मुताबिक, आतंकी 30 दिसंबर को गुरदासपुर से लगी सीमा से भारत में घुसे थे. सभी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी बताए जाते हैं। बताया जाता है कि आतंकियों को बहावलपुर में ट्रेनिंग मिली और इनके हैंडलर का नाम मोहम्मद अशफाक और हाजी अब्दुल है।सभी 6 आतंकियों को वायुसेना के विमान उड़ाने का टास्क दिया गया था। आशंका जताई जा रही है कि आतंकी दो ग्रुप में बंटकर हमले के लिए निकले हैं। लिहाजा, अलग-अलग इलाकों में भी सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है।
खबरों के मुताबिक आतंकी एके-47, हैण्ड ग्रेनेड, जीपीएस सिस्टम समेत भारी गोला बारूद से लैश थे, लेकिन मुस्तैद सुरक्षा बलों ने उनके हमले को नाकाम कर दिया। आतंकवादी शनिवार तड़के 3 बजे लैंड क्रूजर और पजेरो गाड़ी से पठानकोट एयरबेस पहुंचे थे। आतंकियों की पाकिस्तान के बहावलपुर में 6 महीने तक ट्रेनिंग हुई और वे अल रहमान ट्रस्ट से जुड़े हैं।
देश के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर आखिरी पल तक देश की सुरक्षा में तैनात रहे। इन जवानों को पूरा देश श्रद्धांजलि दे रहा है। रविवार की शाम को वाराणसी में भी गंगा आरती के दौरान इन शहीदों को याद किया गया। पंजाब के पठानकोट में हुए आतंकी हमले में कर्नल निरंजन कुमार, गुरसेवक सिंह, सूबेदार फ़तेह सिंह, हवलदार कुलवंत सिंह, जगदीश सिंह और संजीव कुमार शहीद हुए। जिनकी आत्मा की शांति के लिए गंगा सेवा निधि द्वारा पूजन किया गया और दो मिनट का मौन रखा गया।