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पटना यूनिवर्सिटी की डगमगाती व्यवस्था और योजनायें

पटना: पटना विश्वविद्यालय में चालू वर्ष का पहला हिस्सा, कई नई योजनाओं पर चर्चा करते हुए बीता। नए कुलपति, प्रतिकुलपति आए तो योजनाओं की सूची बनी। योजनाएं पटना विवि के विकास की, अकादमिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर। अब विश्वविद्यालय में जल्द नया सत्र शुरू होगा। पीयू के 10 कॉलेजों में हजारों नए छात्र आएंगे। लेकिन अगले सत्र से पटना विवि में कुछ नया और अच्छा करने की उम्मीदें पूरी होती नहीं दिख रही हैं।
 
प्रशासनिक स्तर पर बदलावों को छोड़ दें तो अकादमिक स्तर पर सिर्फ नया सत्र शुरू होगा, जिसकी विशेषताएं पुरानी ही होंगी। न कोई नया विभाग शुरू हो रहा है और न ही कोई नया कोर्स। जबकि फरवरी से अप्रैल तक पीयू प्रशासन का पूरा फोकस इसी पर रहा कि हर कॉलेज में नए कोर्स शुरू हों और पुराने कोर्स रिवाइव हों। हालांकि बीएन कॉलेज के प्राचार्य प्रो. पीके पोद्दार अब भी आशान्वित हैं। उनका कहना है कि नए कोर्स शुरू करने की योजना में कोई रुकावट नहीं है। इसके लिए अभी तैयारियां शेष हैं। तैयारियां पूरी होते ही नए कोर्स की शुरुआत होगी।

कुलपति डॉ. वाईसी सिम्हाद्रि ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही कॉलेजों, विभागों व संकायों के अध्यक्ष के साथ बैठकें की। पहले वोकेशनल कोर्स के निदेशकों से आय-व्यय का ब्योरा मांगा गया और बाद में नए कोर्स की शुरुआत का प्रस्ताव। बीएचयू और नागार्जुन विश्वविद्यालय के मॉडल को अपनाने की योजना बनी। नए वोकेशनल कोर्स की शुरुआत के साथ आज के समय की जरूरत के मुताबिक कोर्स शुरू करने की योजना बनी। बाद में सब धीमा होता गया। किसी कॉलेज में इस वर्ष नया कोर्स शुरू होने की उम्मीद नहीं है।