Central-Government

समय रहते सर्विस नहीं दी तो देनी पड़ेगी पेनल्टी

Central-Governmentआज अगर यह देखा जाए कि हर सेक्टर में कर्मचारियों की लापरावही के कारण लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना आए दिन करना पड़ता है इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार ने दकश के लोगों के हित में एक अहम फैसला लिया है। देश के लोगों को जरूरी सेवाएं देने में देर करने वाले लापरवाह कर्मचारियों पर लगााम करने के लिए तैयार विधेयक का प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में यह मंजूरी दे दी गई है। इसमें यह प्रावधान है कि अगर सेवाएं तय समय के रहते हुए नहीं दी जाती हैं तो संबंधित कर्मचारियों या अधिकारी पर जुर्माना लगाया जा सकता है। लेकिन बीजेपी ने इस कानून को सभी राज्यों में लागू करने की बंदिश का विरोध किया है और इसे राज्यों के अधिकारों में दखल बताया है।

केन्द्र सरकार के इस बिल के कानून बनने का मतलब यह होगा कि सभी राज्यों में इस तरह के सिटिजन चार्टर बनाने होंगे। वैसे दिल्ली, यूपी जैसे 10 राज्यों ने पहले से सिटिजन चार्टर बना रखे हैं, लेकिन उन्हें भी केंद्रीय सिटिजन चार्टर में शामिल सभी सेवाओं की टाइम लिमिट बांधनी होगी। जो सेवाएं अब तक इस दायरे से बाहर हैं, उन्हें इसके तहत लाना होगा। हालांकि यह सिटिजन चार्टर केंद्र सरकार का होगा, लेकिन यह राज्य सरकार के कर्मचारियों पर भी लागू होगा। सभी विभागों और संस्थानों को ऐसा सिस्टम बनाना होगा, जहां लोग शिकायतें दर्ज करा सकेंगे। यहां शिकायतों पर कार्रवाई न होने पर लोग केंद्रीय स्तर पर स्पेशल कमिशन में अपील कर सकेंगे। यहां भी शिकायतों के निपटारे की समयसीमा तय की जाएगी। कैबिनेट से पास होने के बाद यह बिल संसद में पेश हो सकता है। लोकसभा और राज्यसभा से पास होने पर राष्ट्रपति की मंजूरी से यह कानून बनेगा।

जिन राज्यों में पहले से है यह सिस्टम

केन्द्रीय स्तर पर सरकार भले ही अब सिटिजन चार्टर लाने का फैसला कर रही है, लेकिन इन 10 राज्यों में पहले से यह सिस्टम है दिल्ली, यूपी, बिहार, एमपी, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल, राजस्थान और पंजाब।

लोगों को मिलने वाली सेवाएं

पासपोर्ट, पेशन, जन्म-मुत्यु प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, ड्रसइविंग लाइसेंस इनकम टैक्स रिटर्न, राशन कार्ड, एफआईआर की तफ्तीश, कैरक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, आम्र्स लाइसेंस, फायर सेफ्टी जांच, गाडि़यों का चालान, रिहाइश प्रमाणपत्र आदि।

पेनल्टी जो कर्मचारियों को देनी पड़ सकती है

तय समयसीमा के भीतर सर्विस न देने या देर करने वाले अधिकारी या कर्मचारी पर जुर्माना लगाया जाएगा। यह पेनल्टी 250 रूपये से लेकर 50 हजार रूपये तक होगी। यी रकम उनकी सैलरी से कटेगी।

लोगों के लिए बनाए गए कंप्लेंट सिस्टम

सर्विस में लापरवाही की शिकायतें सुनने के लिए हर संस्थान और विभाग में अलग सिस्टम बनाया जाएगा। यह काॅल सेंटर, कस्टमर केयर सेंटर, हेल्प डेस्क और पीपल सर्पोट सिस्टम के रूप में होगा।
कमिशन में लोगों के लिए अपील की सुविधा
यहां कंप्लेंट पर सही तरह से कार्रवाई न होने पर लोगों के पास ऊपर शिकायत करने का विकल्प होगा। इसके लिए सरकार सेंट्रल पब्लिक ग्रीवांस रिड्रेसल कमिशन बनाएगी। कमिशन की कार्रवाई को आपराधिक कानून (आईपीसी) के तहत न्यायिक कार्रवाई माना जाएगा। कमिशन को भी तय समय में सुनवाई करनी होगी।

कौन – कौन होगा इस सिस्टम के दायरे में

सभी सरकारी विभाग, सरकारी कंपनियां, सेवाएं देने वाली सभी संवैधानिक व स्वायत्त संस्थाएं, सरकारी व प्राइवेट भागीदारी वाली संस्थाएं, सरकारी फंड पाने वाने एनजीओ, नोटिफाइड बाॅडी, सरकार को आउटसोर्स करने वाली प्राइवेट कंपनियां आदि।