उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में खराब मौसम के कारण थोड़े समय तक निलंबित रहने के बाद आज सुबह हवाई बचाव अभियान 22 हजार से अधिक फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए फिर से बहाल हुआ। आज गौचर, गुप्तकाशी समेत कई इलाकों में तेज बारिश हो रही है और बादल छाए हुए हैं। इससे बचाव का काम मुश्किल हो गया है। वहीं, आईटीबीपी के जवानों ने लोगों को वहां से निकालने का कार्य तेज करने के लिए बद्रीनाथ के निकट लगभग 50 किलोमीटर इलाके में पैदल रास्ते का निर्माण शुरू कर दिया।
कई जगहों पर भूस्खलन से बड़ी मेहनत से दोबारा बनाए गए रास्ते बह गए हैं। जोशीमठ के पास भी सड़क बह जाने की खबर है। मौसम विभाग ने 28 जून तक लगातार बारिश की आशंका जाहिर की है। बद्रीनाथ और केदारघाटी में अभी भी 15 हजार लोग फंसे हुए हैं। खराब मौसम के कारण इन्हें सुरक्षित निकालना सेना के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
मौसम बिगड़ने की वजह से देहरादून से हेलीकॉप्टर नहीं उड़ पा रहे हैं। सेना के हेलीकॉप्टर देहरादून में खड़े हैं और ये प्रभावित इलाकों में उड़ाने नहीं भर पा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि कल से क्षेत्र में हल्की से मध्यम वर्षा की मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर वहां से लोगों को निकालने का काम तेज कर दिया गया है।
उन्होंने कहाए ऐसा मौसम पर हमारी निर्भरता को कम करने के लिए किया जा रहा है। वह हवाई बचाव अभियान को बाधित कर सकता है। इन सड़कों का निर्माण मंदिर के निकट माना चौकी के पास किया जा रहा है। तकरीबन 200 आईटीबीपी जवान इस कार्य में लगे हुए हैं। लगभग 70 हजार पर्यटकों को अब तक सबसे बुरी तरह प्रभावित रूद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों से निकाला जा चुका है। इन जिलों में केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर हैं।
मौसम विभाग के डायरेक्टर आनंद शर्मा ने आज देहरादून में कहा कि मौसम खराब हो रहा हैए लेकिन दिन में कुछ समय के लिए मौसम साफ हो सकता हैए उसी वक्त राहत के काम को आगे बढ़ाया जा सकता है। भारी बारिश के चलते आज फिर जमीन धंसी है और रूद्रप्रयाग को श्रीनगर से जोड़ने वाली सड़क समेत कई रास्ते बंद हो गए हैं। नेशनल हाइवे नंबर 58 भी बाधित हो गया है।