पिछले चार महीनों से नजबंद चल रहे पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधी अदालत ने बेनजीर भुट्टो हत्याकांड में मंगलवार को आरोप तय किए। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की दिसंबर 2007 में रावलपिंडी में एक चुनावी रैली के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पाकिस्तान के 66 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब पूर्व सैन्य शासक या पूर्व सेना प्रमुख को हत्या के मामले में आरोपित किया गया है।
मुशर्रफ पर हत्या, आपराधिक षडयंत्र रचने और हत्या में मदद का आरोप लगाया गया है। इस मामले में दो पुलिस अधिकारियों समेंत छह अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। 70 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति को कड़ी सुरक्षा में रावलपिंडी की आतंकवाद निरोधी अदालत में लाया गया। दोषी साबित होने पर मुशर्रफ को उम्रकैद या मौत की सजा हो सकती है।
सरकारी वकील चैधरी मुहम्मद अजहर ने बताया कि जज हबीब उर रहमान पुलिस अधीक्षक खुर्रम शहजाद की मौजूदगी में चार्चशीट को पढ़ा। हालांकि पूर्व सेना प्रमुख ने अदालत में अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज किया है। उनकी पार्टी ऑल पाकिस्तान मुरिूलम लीग की प्रवक्त्ता आसिया इश्हाक ने कहा, ’मुशर्रफ के खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।
दरअसल, 2008 तक मुशर्रफ आरोपियों की सुची में शामिल नहीं थे, लेकिन बाद में बेनजीर द्वारा अमेरिका पत्रकार मार्क सेगल को भेले गए ई-मेल के आधार पर उन्हें आरोपियों में शामिल कर लिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि अदालत ने बेनजीर द्वारा मुशर्रफ को भेजी गई ई-मेल पर विचार क्यों नहीं किया, जिसमें उन्होंने तीन लोगों द्वारा उनकी हत्या किए जाने की आशंका व्यक्त की थी।