केरल की साइलेंट वैली जंगल में पटाखे से भरे अन्नानास खाने से एक गर्भवती हथिनी की हुई मौत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले की केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई या फिर एसआईटी से जांच की मांग की गई है। स्थानीय लोगों की तरफ से पटाखे से भरे अन्नानास हथिनी को खिला दिया गया था जो उसके मुंह के अंदर फट गया। इसके बाद हथिनी की 27 मई को वेलियार नदी में मौत हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में यह कहा गया है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि हाथियों को मारने के लिए यह सुनियोजित और संगठित रैकेट है और जानवरों को इस तरह की जा रही हत्याओं से अथॉरिटीज बचाने में नाकाम रही।
मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए दिल्ली के एक वकील अवध बिहारी कौशिक ने कहा कि इस साल अप्रैल में ऐसी ही एक घटना सामने आई थी, जिसमें केरल के कोल्लम जिले के पथनपुरम फॉरेस्ट रेंज में एक हाथी के मुंह में घाव देखा गया था और उसकी मौत हो गई थी।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह कहा गया है कि केरल और अन्य राज्यों में हाथियों की हत्या को लेकर इस तरह की हुई घटनाओं के पूरे रिकॉर्ड्स मंगाए जाएं। इसके साथ ही, कोर्ट से हथिनी की हत्या और ऐसी घटनाओं के केस को शीर्ष कोर्ट की निगरानी में सीबीआई को सौंपने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि वैकल्पिक तौर पर कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में एक एसआईटी के गठन का आदेश दिया जाना चाहिए जो देश के कई हिस्सों में लगातार हाथियों की हो रही मौत की जांच करेगी।
इसमें कहा गया है कि बड़े स्तर पर एसआईटी को इस मुद्दों की जांच करनी चाहिए और एक तंत्र बनाने का सुझाव दिया गया ताकि इस अभिशाप को रोका जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो इसके लिए दोषियों को सजा दी जा सके।
याचिका में कहा गया, राज्य सरकार के अधीन इसकी निष्पक्ष जांच संभव नहीं है क्योंकि इसमें राजनीतिक और पैसों की ताकत इसके पीछे हैं, इसले स्वतंत्र केन्द्रीय जांच एजेंसी कोर्ट की निगरानी में या फिर एसआईटी इस पूरे मामले की पारदर्शी तरीके से जांच करे।