नई दिल्ली : आने वाले साल 2015 में PM मोदी ने की किसानों को कृषि सिंचाई योजना की सौगात देने की घोषणा। प्रधानमंत्री ने खेती की इस महत्वाकांक्षी सिंचाई योजना को गति देने के लिए इसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का सहयोग लेने को कहा है। सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराने को लेकर नदी जोड़ो परियोजना की पहचान करने और उन पर काम चालू करने का प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया, ताकि उस दिशा में तत्काल कार्य शुरू किया जा सके।
PM मोदी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर संबंधित मंत्रालयों के आला अफसरों के साथ बैठक की। इसमें उनके मंत्रियों को भी बुलाया गया था। योजना को अमली जामा पहनाने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा की गई। मोदी ने बैठक में मनरेगा का भरपूर सहयोग लेने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पिछले सालों में सिंचाई की दिशा में मनरेगा ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। मनरेगा में ज्यादातर कार्य जल संरक्षण के लिए किए गए हैं।
खेतों को पानी मुहैया कराने संबंधी महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में जल संसाधन मंत्री से प्रधानमंत्री ने कहा कि नदियों को जोड़ने की परियोजनाओं की वह शिनाख्त कराएं। इससे इन पर तत्काल काम शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश भर में जल स्रोतों की पहचान करके उनका व्यापक पैमाने पर नक्शा तैयार किया जाना चाहिए। खेतों की सिंचाई केलिए सबसे उपयुक्त जल स्रोतों का इस्तेमाल करने में मदद करने के लिए उपग्रहों से इमेज ली जाएं।
दरअसल ,मनरेगा का इस्तेमाल पिछले कुछ सालों से सिंचाई परिसंपत्तियों को बनाने में किया गया है। ऐसे में मनरेगा को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की समग्र योजना से एकीकृत किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने इस संबंध में नतीजों की गहरी निगरानी करने पर जोर दिया। जल संसाधन, ग्रामीण विकास और कृषि मंत्रालय की संयुक्त बैठक में सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं पर अमल करने पर जोर दिया गया। माइक्रो इरिगेशन परियोजनाओं में स्पि्रंकल और ड्रिप इरिगेशन से चालू साल के भीतर 1.55 लाख हेक्टेयर असिंचित भूमि को सिंचित बनाने की योजना है।