रियाद : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सऊदी अरब और भारत सुरक्षा सहयोग तथा रक्षा उद्योग के क्षेत्र में नए समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे और आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में दोनों देशों का सहयोग रफ्तार पर है।
मोदी ने ‘अरब न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि मुझे खुशी है कि दोनों देशों का सहयोग खासकर, आतंकवाद के खिलाफ युद्ध, सुरक्षा और सामरिक मुद्दों पर बढ़ रहा है। मेरे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (अजीत डोभाल) ने हाल ही में रियाद की बेहद सफल यात्रा की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा सहयोग पर हमारी एक संयुक्त समिति है और हम नियमित बैठक करते हैं। रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में हमने आपसी हितों के कई मसलों की पहचान की है।
सुरक्षा सहयोग और रक्षा उद्योग के कई मुद्दों पर समझौता करने की प्रक्रिया में हैं। साथ ही, हम दोनों देशों के बीच समग्र सुरक्षा वार्ता का तंत्र स्थापित करने पर भी सहमत हुए हैं।”
पश्चिम एशिया में संघर्ष और उथल-पथल की स्थिति पर टिप्पणी करने और इस क्षेत्र में शांति बहाली में भारत की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में शांति और सुरक्षा स्थापित करने के लिए सभी संबंधित पक्षों को वार्ता के टेबल पर लाने की दिशा में महती पहल की आश्यकता है।
हम इस बात में विश्वास करते हैं कि संघर्ष के समाधान के लिए एक-दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करते हुए और आंतरिक मसलों में हस्तक्षेप किए बिना एक संतुलित तरीका अपनाने की जरूरत है। इस क्षेत्र के सभी देशों के साथ भारत के बेहतरीन द्विपक्षीय संबंध हैं और 80 लाख से अधिक भारतवंशी इन देशों में रहते हैं।
वैश्विक स्तर पर आर्थिक चुनौतियों के प्रश्न पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक अनिश्चितता असंतुलित बहुस्तरीय व्यापारिक पद्धति की शाखा है। सऊदी अरब और भारत जी -20 के अंतगर्त विषमता को कम करने तथा सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य मुख्य रूप से भारत जैसे तेजी से विकासशील देशों द्वारा तय किए गए मार्गों पर निर्भर करता है। मैंने सितंबर में संयुक्त राष्ट्र आमसभा के अपने संबोधन में कहा था कि सभी के विश्वास के साथ सभी के विकास के लिए हम सामूहिक प्रयास की आवश्यकता में विश्वास करते हैं।
मुझे इस बात की खुशी है कि सऊदी अरब अगले साल और भारत वर्ष 2022 में जी-20 की बैठक की मेजबानी करेगा। वर्ष 2022 में भारत आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहा होगा।
मोदी सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज के निमंत्रण पर वहां के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं। वे रियाद में फ्यूचर इंवेस्टमेंट इन्सटीट्यूट फोरम के तीसरे सत्र में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान अल सौद के साथ शिष्टमंडल स्तर की बातचीत भी करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने कल यहां बताया कि शाहजादे प्रधानमंत्री के सम्मान रात्रि भोज भी देंगे।
मोदी की सऊदी यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे और प्रधानमंत्री निवेश फोरम में भारत के रुख को विभिन्न प्रतिनिधियों के सम्मुख रखेंगे।
विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंध सचिव टीएस त्रिमूर्ति ने हाल ही में इस फोरम का महत्व बताते हुए इसे ‘मरूस्थल के डावोस’ की संज्ञा दी थी। इस फोरम में सऊदी अरब को क्षेत्र में निवेश के केन्द्र के रूप में स्थापित करने का ब्लू प्रिंट तैयार किया जाएगा।
सऊदी अरब और भारत के बीच मजबूत संबंधों की आधारशिला प्रधानमंत्री के 2016 के सऊदी दौरे में रखी गई थी। मोदी की यात्रा के दौरान नागरिक उड्डयन, रक्षा खरीद, सुरक्षा सहयोग और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।