नई दिल्ली : PM नरेंद्र मोदी शंघाई कोऑपरेशन आर्गनाइजेशन समिट (एससीओ) में हिस्सा लेने शनिवार को चीन के चिंगदाओ पहुंचे। यहां उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी की।
पिछले दो महीनों में ये दोनों नेताओं की दूसरी मुलाकात है। द्विपक्षीय मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने डेलीगेशन लेवल की मीटिंग की, जिसमें भारत-चीन के बीच कई समझौतों पर साइन हुए।
चिंगदाओ में मोदी शी समेत एससीओ के सदस्य देशों के नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बातचीत भी हुई। इस बैठक में एससीओ सदस्यों का जोर सुरक्षा, सहयोग, आतंकवाद विरोध, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक विनिमय के क्षेत्रों पर रहा।
बता दें कि समिट में पहली बार भारत-पाक सदस्य के तौर पर शामिल हुए। वहीं, भारत ने साफ किया है कि पाक के साथ कोई आधिकारिक मुलाकात नहीं होगी। एससीओ समिट में भारत की रणनीति को लेकर विदेश मामलों के जानकार रहीस सिंह से बात की।
शंघाई शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के अलावा पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन भी शिखर सम्मेलन में शिरकत किया। शिखर सम्मेलन की प्रमुख विशेषताओं में से एक ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी की उपस्थिति भी है। चीन ने उन्हें फोरम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। रूहानी की उपस्थिति का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि हाल ही में अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते से अपने हाथ वापस खींच लिए हैं। चीन ने इस परमाणु समझौते की रक्षा का संकल्प लिया हुआ है।
बता दें कि मंगोलिया, अफगानिस्तान और बेलारूस के साथ ईरान को शिखर सम्मेलन में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया है।