नई दिल्ली : भारत में रहने वाली मुस्लिम महिलाओं के लिए 3 तलाक का मुद्दा हमेशा से ही उनके लिए मुसीबत बना हुआ है, बता दें कि यह कुप्रथा जल्द ही जड़ से खत्म होने जा रही है। UP विधानसभा चुनाव के वक्त 3 तलाक को लेकर PM मोदी और BJP ने मुस्लिम महिलाओं से जो वादा किया था वो जल्द ही पूरा होने जा रहा है।
मोदी सरकार ने तीन तलाक को संवैधानिक तौर पर जड़ से खत्म करने के लिए पूरा ड्राफ्ट बिल तैयार कर लिया है। बताया जा रहा है कि इसे जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा और फिर संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा के पटल पर रखा जाएगा।
बता दें कि 15 अगस्त, 2017 को लाल किले की प्राचीर से इतिहास में पहली बार PM मोदी ने तीन तलाक की कुप्रथा का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि वह मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाने में पूरी मदद करेंगे। इस पर लाखों मुस्लिम महिलाओं ने PM का आभार भी जताया था। यह पहली बार नहीं है जब PM मोदी ने तीन तलाक का मुद्दा उठाया, इससे पहले यूपी विधानसभा चुनाव के वक्त भी पीएम मोदी ने मुस्लिम बहनों को इंसाफ दिलाने की वकालत की थी।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही तीन तलाक को असंवैधानिक बता चुका है लेकिन बावजूद इसके पिछले एक महीने में 3 तलाक के 2 मामले सामने आ चुके हैं। मुस्लिम समाज का एक बड़ा तबका भी तीन तलाक के खिलाफ खड़ा है, लेकिन अभी तक इस कुप्रथा पर कानूनी तौर पर रोक नहीं लग पाई है।
न्यूज़ एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए मोदी सरकार कानून बनाने पर विचार कर रही है। यह भी तय माना जा रहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में तीन तलाक पर लगाम लगाने के लिए सरकार विधेयक पेश कर सकती है। बता दें कि एक साथ तीन तलाक पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को उचित कानून बनाने की सलाह दी थी।
साथ ही उम्मीद जताई गई थी कि कानून बनाते समय दुनिया के दूसरे मुस्लिम देशों में बने कानूनों और मुस्लिम पर्सनल लॉ और शरीयत की प्रगति को भी ध्यान में रखा जाएगा। दोनों जजों ने राजनीतिक दलों से कहा है कि कानून पर विचार होते समय वे अपने राजनीतिक फायदों को एक किनारे रख कर कानून की दिशा में जरूरी उपाय करें। उन्होंने कानून बनने तक एक बार में तीन तलाक देने पर रोक लगाई है। उन्होंने कहा था कि जब तक इस बारे में कानून बनता है, तब तक शौहर अपनी बीवियों को एक साथ तीन तलाक नहीं कहेंगे।