नई दिल्ली : सिंधु नदी जल बंटवारा और सीमा पर तनाव के मुद्दे पर अपना रुख कड़ा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह पाकिस्तान जाने वाले नदी के उस पानी को रोकने के लिए कटिबद्ध हैं जिस पर भारत का अधिकार है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान जाने के बजाए इस पानी को पंजाब व जम्मू एवं कश्मीर के किसानों को दिया जाएगा। बठिंडा में एम्स की आधारशिला रखने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जिस जल पर भारत का अधिकार है, वह पाकिस्तान में बह रहा है। मैं उस जल को रोकने और हमारे पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर तथा शेष भारत के किसानों को देने के लिए प्रतिबद्ध हूं।
PM ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने जल बंटवारे के मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया। मोदी ने कहा कि दिल्ली में पहले की सरकारें सोईं थीं। हमारे किसान रोते रहे और पानी पाकिस्तान की ओर बहता रहा। हम हमारे किसानों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंधु जल संधि के तहत सतलज, ब्यास और रावी नदी के जल पर भारत और हमारे किसानों का अधिकार है, लेकिन उन्हें यह नहीं मिलता। इन नदियों के पानी पर भारत और इसके किसानों का हक है। यह जल पाकिस्तान होते हुए बहकर समुद्र में चला जाता है। न तो पाकिस्तान इसका इस्तेमाल करता है और न ही हमारे किसान इसका उपयोग कर पाते हैं।
मोदी ने कहा कि मैं इस मामले में दृढ़ विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा हूं। सिंधु जल संधि पर एक कार्यबल का गठन किया है। मोदी ने कहा कि वह पाकिस्तान की सीमा के निकट खड़े हैं और पाकिस्तान की जनता को संबोधित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत से लड़ने की जगह गरीबी और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए पड़ोसी देश के लोगों को अपने हुक्मरानों पर दबाव डालना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सेना की ताकत को देखिए। हमारे जवानों ने 250 किलोमीटर के इलाके में सर्जिकल स्ट्राइक किया। पाकिस्तानी सेना ने देखा कि हमारी सेना क्या कर सकती है। (पाकिस्तान में) खलबली मच गई, जो अभी तक शांत नहीं हुई है।
मोदी ने कहा कि पाकिस्तान में निहित स्वार्थ वाले लोग ‘भारत के साथ तनाव बनाए रखने’ की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ उनकी सरकार के अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि मैं मध्यम वर्ग का शोषण बंद करना चाहता हूं और गरीबों का उनका हक दिलाना चाहता हूं।
साथ ही मोदी ने नोटबंदी के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोटों को आमान्य घोषित करने के उनके फैसले से लोगों को कठिनाइयां और असुविधाएं हुई हैं। लेकिन, लोगों ने ईमानदारी के खातिर परेशानियों को झेला है। मोदी ने लोगों से अनुरोध किया कि वे कालाधन रखने वालों को पुन: नहीं उठने दें। उन्होंने आगे कहा, “देश को फिर से महान बनाने के इस अभियान में हम लोगों के साथ शामिल हों।”