नई दिल्ली : नया कारोबार शुरू करने वालों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘स्टार्टअप इंडिया’ कैंपेन का आगाज हो चुका है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को इस अभियान का आधिकारिक उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल लाल किले से ‘स्टार्ट इंडिया, स्टैंड अप इंडिया ‘ का नारा दिया था। शनिवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री इसी ओर एक कदम आगे बढ़ाते हुए स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के लिए एक्शन प्लान लॉन्च कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि इसके जरिए कारोबार शुरू करने वालों के रास्ते में आने वाली हर अड़चन दूर होगी। मौजूदा मल्टीपल रेगुलेशन को खत्म करने के साथ ही टैक्स सुधार का नया खाका भी पेश किया जाएगा। फंडिंग के लिए बैंकों को आगे आने को कहा जाएगा, तो महिलाओं और समाज के पिछड़े तबकों को तमाम सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिश होगी।
जाहिर तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की कोशिश है कि स्टार्टअप इंडिया के जरिए 1990 के दौर में देश की अर्थव्यवस्था को जिस उदारीकरण की गाड़ी पर बिठाया गया था, उसे एक्सप्रेस-वे पर लाया जाए। स्टार्टअप इंडिया के लिए एक वेबपोर्टल और मोबाइल एप का भी ऐलान किया जा सकता है ताकि पूरे सिस्टम को पारदर्शी और दुरुस्त किया जा सके।
स्टार्टअप के मामले में भारत तीसरे नंबर पर
स्टार्टअप के मामले में भारत अमेरिका और ब्रिटेन के बाद तीसरे नंबर पर है। साल 2015 में 4536 लोगों ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कदम रखा। साल 2013 में ये संख्या 3451 थी, जबकि 2011 में 791 लोगों ने अपना बिजनेस शुरू किया। भारत में स्टार्ट अप का कॉन्सेप्ट भले ही नया हो। लेकिन विदेशों में इसका चलन पहले से ही है। स्टार्ट अप कार्यक्रम में अमेरिका की सिलिकॉन वैली के 40 सीईओ भी हिस्सा ले रहे हैं। इनमें सॉफ्ट बैंक सीईओ मासायोसी सन, उबर फाउंडर ट्राविस कालानिक, वीवर्क फाउंडर एडम न्यूमैन भी शामिल हैं।
स्टार्टअप पर जेटली का भाषण
इससे पहले स्टार्टअप इंडिया के आयोजन की शुरुआत वित्त मंत्री अरुण जेटली और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने की। उद्घाटन सत्र में जेटली ने भरोसा दिया कि लाइसेंस राज खत्म किया जाएगा। लाइसेंस राज को ही स्टार्टअप के लिए सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है। जेटली ने आश्वासन दिया कि सरकार अगले महीने बजट में एक अनुकूल कर प्रणाली की घोषणा करेगी। इससे देश में स्टार्टअप स्थापित करने को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने स्टार्टअप इकाइयों को आश्वस्त किया कि बैंकिंग प्रणाली और सरकार दोनों ही उनके लिए संसाधन उपलब्ध कराएंगे।
जेटली ने बताया कि सरकार स्टैंड अप इंडिया योजना अलग से पेश करेगी। इसके तहत बैंक अनुसूचित जाति-जनजाति और महिला उद्यमियों को कर्ज देंगे। इन खंडों से उद्यमी सामने नहीं आ रहे थे।उन्होंने पीएम की बात दोहराई और कहा, ‘हर बैंक की शाखा, सार्वजनिक क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र अनुसूचित जाति-जनजाति की एक महिला को एक स्टार्टअप के लिए कर्ज देगी।
जेटली ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति की महिलाओं को कर्ज देने से अगले दो साल में तीन लाख से अधिक नए उद्यमी तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि कुछ और विधायी प्रावधानों की जरूरत है जो सिर्फ वित्त विधेयक के अंग के तौर पर आ सकते हैं। उम्मीद है कि इस बार बजट में स्टार्टअप इकाइयों के लिए कोई ऐलान किया जाए।
स्टार्टअप कि लेकर राहुल ने बीजेपी पर साधा निशाना
दूसरी ओर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को बीजेपी पर निशाना साधा।उन्होंने स्टार्टअप से लेकर जीएसटी जैसे मुद्दों पर बीजेपी को घेरने की कोशिश की। राहुल ने कहा कि स्टार्टअप के लिए एक इकोसिस्टम की जरूरत होती है। यानी ऐसा माहौल जहां एंटरप्रेन्योर को आगे बढ़ने का मौका मिले। लेकिन इसकी राह में चुनौतियां भी कम नहीं हैं। मुंबई में पदयात्रा के बाद राहुल बोले, ‘मेक इन इंडिया करना है तो मेक इन धारावी कीजिए।