नवाज शरीफ पर तत्काल इस्तीफे का दबाव बनाने के लिए तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान और आवामी तहरीक के प्रमुख कादरी ने शनिवार को अपने सैकड़ों समर्थकों से प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास के सामने प्रदर्शन करने का आदेश दिया था, जिसके बाद यह संघर्ष हुआ।
प्रधानमंत्री निवास एवं समीप के संसद भवन के बाहर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां दागीं। सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी संसद भवन के लॉन में प्रवेश कर गए, लेकिन उन्हें मुख्य द्वार की ओर पीछे धकेल दिया गया। संसद भवन परिसर में सेना तैनात की गई है।
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार करीब 450 घायल दो प्रमुख सरकारी संस्थानों – पॉलीक्लीनिक और पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ले जाए गए। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों के साथ संघर्ष में 70 से अधिक पुलिसकर्मी और फ्रंटियर कांस्टबुलरी के पांच कर्मी घायल हुए। प्रदर्शनकारी भी डंडा चला रहे थे और पथराव कर रहे थे।
इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की डॉ. आयशा इसानी ने संवाददाताओं को बताया कि एक घायल की मौत हो गई, जिसे शनिवार रात अस्पताल लाया गया था। उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि एक व्यक्ति की गड्ढे में गिरकर मौत हो गई। अब तक प्रदर्शनकारी सुरक्षा घेरा तोड़ने एवं प्रधानमंत्री निवास तक पहुंचने में नाकाम रहे हैं।
इमरान खान ट्रक पर लगाए गए एक कंटेनर में थे और बीच में अपने समर्थकों को संबोधित रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई को लेकर वह शरीफ बंधुओं और गृहमंत्री निसार अली खान के खिलाफ मामले दर्ज कराएंगे। उनके पार्टी नेता परवेज खट्टक ने कहा कि जब तक शरीफ इस्तीफा नहीं देते, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। कादरी भी प्रदर्शनकारियों के साथ हैं।
प्रदर्शनकारियों की ओर से फिर जबर्दस्त हिंसक कार्रवाई की आशंका से प्रधानमंत्री के लाहौर निवास को जाने वाली सड़कें बंद कर दी गई हैं और पुलिस की बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है। शरीफ लाहौर में इस निवास में अपने भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ के साथ रह रहे हैं। शरीफ शुक्रवार को अपने निजी कर्मियों के साथ इस्लामाबाद के प्रधानमंत्री निवास से लाहौर चले गए थे।
गौरतलब है कि इमरान खान और कादरी 14 अगस्त से शरीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि पिछले साल हुए आम चुनावों में शरीफ कथित धांधली की वजह से जीते थे। शनिवार देर रात एक सरकारी घोषणा में शरीफ के इस्तीफे से स्पष्ट इनकार किया गया और कहा कि उनकी जान को कोई खतरा नहीं है। लाहौर में मशहूर लिबर्टी चौक और माल रोड पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। पांच छह प्रदर्शनकारी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
लाहौर से करीब 150 किलोमीटर दूर सियालकोट में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के निवास के बाहर खान समर्थक जमा हो गए और उन्होंने पथराव किया। पुलिस उन्हें तितर-बितर करने में कामयाब रही। मुल्तान में भी खान समर्थकों ने प्रदर्शन किया और सड़क जाम कर दिया। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
विपक्षी नेताओं ने हिंसा भड़काने को लेकर खान एवं कादरी दोनों की निंदा की है। जमीयत उलेमा ए इस्लाम के जान अचाकजी ने कहा कि कादरी और खान पश्चिमी लोकतंत्र की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने जो कुछ किया है, वह अंतरराष्ट्रीय लोकतांत्रिक नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के एतिजाज अहसान ने इस्तीफे की मांग को अवैध करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री को उसे स्वीकार नहीं करना चाहिए। उन्होंने हिंसा के लिए प्रदर्शनकारियों को जिम्मेदार ठहराया।