उधर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता कमाल फारूकी ने शुक्रवार को कहा कि भटकल को अपराध की वजह से पकड़ा गया है या उसके धर्म के कारण। यदि भटकल आतंकी है तो उसे कतई नहीं बख्शा जाना चाहिए। लेकिन यदि उसे मुसलमान होनक की वजह से पकड़ा गया है तो इससे पूरे संप्रदाय में गलत संदेश जाएगा। जिससे देश व समाज को नुकसान पहुंचेगा। फारूकी ने आरोप लगाया कि ऐसे कई मामले हुए जिसमें पुलिस ने आतंकी बताकर गिरफ्तार किया, लेकिन बाद में आरोपी सिद्ध ननहीं किया जा सकका। लिहाजा इस मामले में भी जमीनी स्तर पर जांच होनी चाहिए।
इसी के साथ अगर हम बिहार की बात करें तो बिहार भाजपा के वरिष्ट नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने नीतिश सरकार पर आतंकियों के प्रति नरमी बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ’जदय ने इशरत जहां को बिीार की बेठी बताया था, पे यासीन भटकल को बिहासर का दामाद न बता दें। उनके बयान से भड़के जदयू के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि सुशील मोदी का दिमाग खराब हो गया है। जबकि जदयू नेता केसी त्यागी ने उनसे माफी मांगने की बात कही है।
दरअसल, यहां से डेढ़ दर्जन से ज्यादा आतंकी पकड़े जा चुके हैं। बावजूद इसके बिहार सरकार ने इनके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सीपी ठाकुर ने कहा कि भटकल को बिहार पुलिस को रिमांड पर लेकर पूछताछ करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार का यह रूख बेहद निंदनीय रहा।