कोलकाता : पश्चिम बंगाल में भगवान राम को लेकर जो सियासी बवाल हुआ वो तो सभी ने देखा है। इसी के साथ अब भाजपा ने सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने तुष्टिकरण की राजनीति के लिए राज्य में जय श्री राम के नारे पर बैन लगाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तक ने इस मुद्दें को जोर शोर से सियासी मंचों पर उठाकर ममता बनर्जी को कठघरे में खड़ा किया था।
लोकसभा चुनाव के बाद अब उसी बंगाल में मां दुर्गा के नाम सियासी दंगल होता दिख रहा है। दरअसल बंगाल में बहुत ही धूमधाम से मानी जाने वाली दुर्गा पूजा के ठीक पहले इनकम टैक्स विभाग ने कई दुर्गा पूजा समितियों को नोटिस जारी कर उनसे हिसाब किताब मांगने के साथ टैक्स चुकाने को कहा है।
आयकर विभाग की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसकी निंदा करते हुए इसे सियासी मोड़ दे दिया है। ममता ने दुर्गा पूजा समितियों को नोटिस की आलोचना करते हुए कहा कि त्योहारों को टैक्स के दायरे से बाहर रखना चाहिए।
इस मुद्दें को लेकर आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक दिन का धरना देने जा रही है जिसमें उन्होंने लोगों से शामिल होने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने इस पूरे मुद्दें पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘इनकम टैक्स विभाग ने दुर्गा पूजा आयोजन करने वाली कई समितियों को नोटिस जारी कर उन्हें टैक्स चुकाने को कहा है। हमें अपने सभी राष्ट्रीय त्यौहारों पर गर्व है। यह त्योहार सबके लिए है और हम नहीं चहाते कि किसी भी पूजा महोत्सव पर कर लगाना चाहिए, यह आयोजकों पर बोझ होगा।’
वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष आयकर विभाग की कार्रवाई को सहीं बातते हुए कहा कि पूजा समितियों को नोटिस जारी करने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को क्यों असुविधा हो रही है?
वहीं भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि टीएमसी के नेता और मंत्री पूजा समितियों के जरिए काला धन को सफेद बनाने में जुटे हुए हैं, इसलिए वह अब इसका विरोध कर रहे हैं।