नई दिल्ली : देश, विदेश, मीडिया और विपक्ष के लगातार चौतरफा हमले झेल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी और यह साफ कर दिया कि उनकी सरकार किसी भी तरह की धार्मिक हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी। और ऐसा करने वालों को सख्त कार्रवाई का सामना करना होगा। मोदी ने कहा कि मेरी सरकार किसी धार्मिक समूह के सरेआम या छिपकर किसी भी तरह की हिंसा की बर्दाश्त नहीं करेगी।
प्रधानमंत्री का यह बयान हाल में हुए चर्चों पर हमले तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा चलाए जा रहे घर वापसी कार्यक्रम के संदर्भ में आया है, उन्होंने कहा है कि सरकार धार्मिक कट्टरपंथियों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। उनके मुताबिक सरकार हर किसी की निजी स्वतंत्रता का सम्मान करती है और धर्म व्यक्ति की निजी पसंद होती है। मोदी ने आगे कहा कि वे किसी भी धार्मिक समूह को बहुसंख्यकों या अल्पसंख्यकों के खिलाफ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर वैमनस्य फैलाने की अनुमति नहीं देंगे। उनके मुताबिक हर किसी को बिना किसी जोर-जबरदस्ती या दबाव के अपने धर्म को चुनने, उसे जारी रखने या नहीं रखने या अपना धर्म बदलने का अधिकार है। उन्होने कहा कि वे धार्मिक हिंसा की निंदा करते हैं और ऐसे तत्वों के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाएगी।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हमारी धरती बुद्ध और गांधी की घरती है व सभी धर्मों के प्रति आदर व समानता का भाव हर नागरिक के डीएनए में होना चाहिए। मेरी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर नागरिक अपनी पसंद का धर्म चुनने का स्वतंत्रता हो और उसे जारी रखने का हक हो।
विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने सभी धार्मिक समूहों से अपील की वे एक-दूसरे की इज्जत करें और सद्भाव बनाए रहें। उन्होने कहा कि एकता से हमें मजबूती मिलती है तथा अलगाव की भावना से हम कमजोर होते हैं।
आपको बता दें कि महाशिवरात्रि उत्सव से ठीक पहले वाशिंगटन में एक मंदिर की दीवार पर नफरत फैलाने वाला संदेश लिख दिए जाने और वहां बने स्वास्तिक के चिन्ह पर स्प्रे कर दिए जाने से यहां रहने वाला समुदाय स्तब्ध है। यह घटना उस समय हुई जब अज्ञात बदमाशों ने सिएटल मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में एक मंदिर की दीवार पर स्वास्तिक के ऊपर स्प्रे कर दिया और फिर पेंट से ‘गेट आउट’ लिख दिया। मंदिर में तोड़फोड़ भी किया गया है। यह मंदिर पूरे उत्तर पश्चिम के सबसे बड़े हिन्दू मंदिरों में से एक है। इसकी चारों तरफ निंदा हो रही है।
स्नोहोमिश काउंटी के शेरिफ का विभाग इस मामले की जांच एक द्वेषपूर्ण उत्पीड़न की घटना के तौर पर कर रहा है। कल काउंटी के शीर्ष अधिकारियों ने मंदिर का दौरा किया।
हिन्दू मंदिर एवं सांस्कृतिक केंद्र, बोथेल, वाशिंगटन के न्यास बोर्ड के अध्यक्ष नित्य निरंजन ने बताया, इस तरह की चीज अमेरिका में नहीं होनी चाहिए। किसी को निकल जाने के लिए कहने वाले आप कौन होते हैं? यह प्रवासियों का देश है। आज मंदिर में भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि का उत्सव मनाया जा रहा है। हिन्दू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) ने इस घटना की निंदा की है।
उल्लेखनीय है कि देशभर में लव जिहाद, घर वापसी और धार्मिक जगहों पर हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुप्पी साधने के आरोप लग रहे थे। यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि भारत की धार्मिक असहिष्णुता का आलम यह है कि महात्मा गांधी देख लें तो स्तब्ध रह जाएंगे। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी संपादकीय में नरेंद्र मोदी की चुप्पी को खतरनाक बताया था।