नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में चार कैबिनेट, तीन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 14 राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई गई। मनोहर पर्रिकर, सुरेश प्रभु, जेपी नड्डा और चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। बंडारू दत्तात्रेय, राजीव प्रताप रूडी, डॉक्टर महेश शर्मा ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ ली।
मुख्तार अब्बास नकवी, रामकृपाल यादव, हरिभाई चौधरी, सांवरलाल जाट, मोहनभाई कुंदरिया, गिरिराज सिंह, हंसराज अहीर, रामशंकर कठेरिया, वाईएस चौधरी, जयंत सिन्हा, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबुल सुप्रियो, साध्वी निरंजन ज्योति और विजय सांपला ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
शिवसेना और बीजेपी के बीच महाराष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर गतिरोध नहीं सुलझने के कारण शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने शपथ नहीं ली। खबरों के अनुसार वह सुबह दिल्ली आने के बाद हवाई अड्डे से ही मुंबई लौट गए।
मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद में पर्रिकर को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है। साफ−सुथरी छवि के नेता मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। आईआईटी इंजीनियर पर्रिकर को प्रधानमंत्री मोदी का बेहद करीबी माना जाता है। पर्रिकर फिलहाल किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, इसलिए इनको उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में लाए जाने के आसार हैं।
मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 45 मंत्री हैं, जिनमें प्रधानमंत्री सहित 23 कैबिनेट मंत्री हैं, जबकि 22 राज्य मंत्री हैं। 22 राज्य मंत्रियों में से 10 के पास स्वतंत्र प्रभार है।