नई दिल्ली : लोकसभा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में अपना पहला भाषण दिया। उन्होंने विकास के लिए केंद्र और राज्य के संबंधों को बेहतर बनाने और केंद्र के विचार सब राज्यों पर न थोपे जाने की बात कही। प्रधानमंत्री ने संसद को दागियों से मुक्त बनाने की जरूरत भी बताई।
मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में निराशा का माहौल है। लेकिन यह बहुत जल्द ही छंटने वाला है। तब सबको विश्वा स हो जाएगा कि देश में बहुत कुछ हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विजय और पराजय दोनों में सीख छिपी होती है। जो विजय से सीख नहीं लेता, वह पराजय के बीज बोता है और जो पराजय से सीख नहीं लेता वह विनाश के बीज बोता है।
प्रधानमंत्री ने संघीय ढांचे लोकतंत्र की ताकत बताया. उन्होंने कहा कि अगर देश को आगे बढ़ना है तो राज्योंे को आगे बढ़ना होगा। गुजरात में अपने अनुभव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि निजी स्वांर्थ की वजह से राज्योंत का विकास रोका जाता है और इस बात के वह भुक्तभोगी रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास की प्रक्रिया में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री एक टीम की तरह हैं। मोदी ने कहा कि कुशासन (बैड गवर्नेंस) डायबिटीज की तरह है।
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अकसर लोग गुजरात मॉडल के बारे में बात करते हैं और कुछ लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर गुजरात मॉडल क्या है. उन्होंने कहा, ‘अगर सरलता में कहा जाए तो किसी भी राज्य के अच्छे काम को अपनाना गुजरात मॉडल है। अगर मायावती जी ने उत्तर प्रदेश में कोई अच्छा काम किया तो उसे अपने यहां भी लागू करना गुजरात मॉडल है। हमने पश्चिम बंगाल में वामपंथी सरकार से भी सीखा है।
प्रधानमंत्री ने विकास प्रक्रिया में प्रदेश और केंद्र के अंतर्संबंधों पर बल दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली को अपने विचार हर राज्य पर थोपने नहीं चाहिए, क्योंकि हर राज्य की परिस्थितियां अलग होती हैं। उन्होंने कहा, ‘एक योजना हर राज्यं पर, हर जगह लागू नहीं हो सकती। राज्योंा में विकास को लेकर प्रतिस्प र्धा हो। एक विकास मॉडल दूसरे पर भी लागू हो यह जरूरी नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को विकास के नए तरीके खोजने होंगे और विकास सर्वहित, सर्वप्रिय और सकारात्मेक होना चाहिए। उन्होंने पूर्वोत्तर के राज्योंर को पश्चिम के बराबर लाने पर भी जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि देश का समुद्र तट देश की समृद्धि का द्वार बन सकता है। उन्होंने कहा कि हिमालय वाले सभी राज्य एक मॉडल अपनाने पर विचार कर सकते हैं।
मोदी ने कहा कि हमें अपने विचारों को आखिरी आदमी तक पहुंचाना होगा। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने कहा तकनीक का भरपूर इस्तेमाल कर भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है। उन्होंने संसद को दागियों से मुक्त बनाने की बात कही और दागी सांसदों पर न्या य प्रक्रिया तेज करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि दोषी सांसद हटेंगे तो बाकी को भी सबक मिलेगा।
मोदी ने एक बार फिर सब दलों को साथ लेकर चलने की बात कही। उन्होंने कहा कि हम विजयी होकर आए हैं, लेकिन हमें सभी सांसदों का समर्थन चाहिए। उन्होंने विपक्ष से कड़वाहट दूर करने और जरूरत पड़ने पर विपक्ष का मार्गदर्शन लेने की बात कही।
इससे पहले लोकसभा में उन्होंने कहा कि सदन में वह सामूहिकता का भाव लाना चाहते हैं और बीजेपी की कितनी भी संख्या हो, वह सभी दलों को साथ लेकर चलेगी। मोदी ने कहा कि वह सभी दलों के वरिष्ठ नेता के आशीष से आगे बढ़ेंगे।