श्रीहरिकोटा: फ्रांस के पृथ्वी अवलोकन उपग्रह सहित और चार अन्य विदेशी उपग्रहों को लेकर भारतीय रॉकेट सोमवार को श्रीहरिकोटा के रॉकेट पोर्ट से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित हुआ। 44.4 मीटर लंबे और 230 टन भार वाले ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी23 का सोमवार सुबह 9.52 बजे को प्रक्षेपण किया गया। रॉकेट पोर्ट चेन्नई से 80 किलोमीटर दूर है।
पीएसएलवी के मुख्य उपग्रह में फ्रांस का पृथ्वी अवलोकन उपग्रह एसपीओटी-7 है। इसके अतिरिक्त जर्मनी का 14 किलोग्राम भार वाला एआईएसएटी, कनाडा का 15-15 किलोग्राम भार वाला एनएलएस7.1 (सीएएन-एक्स4) व एनएलएस7.2 (सीएएन-एक्स5) और सिंगापुर का सात किलोग्राम वजन वाला वीईएलओएक्स-1 उपग्रह शामिल है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएलएल नरसिम्ह्न, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू, अंतरिक्ष विज्ञानी और अन्य आगंतुक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के रॉकेट अभियान नियंत्रण कक्ष में मौजूद थे। यह मोदी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के सत्ता में आने के बाद इसरो का पहला अंतरिक्ष अभियान है। इसरो अधिकारी 20 मिनट के इस महत्वपूर्ण अंतरिक्ष अभियान की बड़ी सफलता की उम्मीद कर रहे हैं। अभियान की योजना के अनुसार, रॉकेट अपनी उड़ान के बाद सबसे अधिक वजन वाले उपग्रह स्पॉट-7 को अंतरिक्ष की केंद्र में स्थापित करेगा।
भारत ने 2012 में एसपीओटी-6 उपग्रह को अंतरिक्ष की केंद्र में स्थापित किया था। एसपीओटी-7 एसपीओटी शृंखला का अगला उपग्रह है। इसके बाद एआईएसएटी (जर्मनी), एनएलएस7.1 एवं एनएलएश7.2 (कनाडा) और वीईएलओएक्स-1 (सिंगापुर)को कक्षा में स्थापित किया जाएगा। भारत ने 1999 से लेकर अब तक पीएसएलवी के जरिये 35 विदेशी उपग्रह अंतरिक्ष के केंद्र में स्थापित किए हैं। इस नए अभियान के जरिये इसकी संख्या 40 हो जाएगी। भारत ने अपने अंतरिक्ष अभियान की शुरुआत 1975 में रूसी रॉकेट के जरिये आर्यभट्ट का प्रक्षेपण कर की थी। चांद व मंगल अभियान सहित भारत ने अपने 100 से अधिक अंतरिक्ष अभियान पूरे कर लिए हैं।