अवमानना के मामले में अदालत में पेशी के लिए उपस्थित न होकर पुलिस-प्रशासन के लिए चुनौती बना बाबा रामपाल आखिरकार बुधवार रात पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया। हिसार के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम की घेरेबंदी के करीब 60 घंटे बाद सीआरपीएफ, राज्य पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के 45 हजार जवानों की मेहनत रंग लाई और बाबा को गिरफ्तार कर लिया गया।
रामपाल पर अदालत की अवमानना को लेकर वॉरंट जारी हुआ था, लेकिन बीमार होने का बहाना बनाकर वह हाई कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे। गुरुवार को अस्पताल से थाने ले जाने के दौरान रामपाल ने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। उन्होंने निजी सेना रखने के आरोपों को भी खारिज कर दिया है।
साढ़े 33 घंटे के ऑपरेशन और हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद रामपाल को पुलिस ने बुधवार की रात करीब साढ़े नौ बजे गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के साथ ही दो हफ्ते से पुलिस और रामपाल के समर्थकों के बीच चल रहा तनावपूर्ण गतिरोध खत्म हो गया। रामपाल को गिरफ्तार करने से पहले उनके 15,000 समर्थकों को आश्रम से बाहर निकालने की कार्रवाई भी की गई। हालांकि, आश्रम में रामपाल के अनुयायी अभी भी हैं और पुलिस सर्च ऑपरेशन चला रही है।
पुलिस महानिदेशक एस एन वशिष्ठ ने कहा कि रामपाल के खिलाफ राजद्रोह, हत्या के प्रयास, आपराधिक षड्यंत्र, अवैध रूप से लोगों को हिरासत में रखने, दंगा फैलाने समेत अन्य कई नए मामले दर्ज किए गए हैं। रामपाल के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। कभी जूनियर इंजिनियर रहे रामपाल को पकड़ने के लिए चलाए गए अभियान में आश्रम में चार महिलाओं की रहस्यमयी परिस्थिति में मृत्यु हो गई और दो अन्य लोगों की अस्पताल में मौत हो गई।
खास बात यह है कि बीमारी का बहाना बनाकर छुप रहे बाबा रामपाल की जब पुलिस ने डॉक्टरी जांच कराई तो वह बिल्कुल फिट निकला। पुलिस ने रामपाल के भाई, परिवार के सदस्यों, प्रवक्ताओं और आश्रम प्रबंधक कमेटी के कई पदाधिकारियों को पहले ही हिरासत में ले लिया था। बता दें कि पूरी कार्रवाई में कुल छह लोगों की मौत हो चुकी थी। इनमें एक डेढ़ साल का बच्चा भी शामिल है। दूसरी तरफ, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने साल 2006 के मर्डर केस में मिली रामपाल की जमानत रद्द कर दी है और दोपहर 2 बजे अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है।