नई दिल्ली : दुनिया के दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बनकर प्रग्गनानंधा ने कमाल कर दिखाया है। 12 साल के प्रग्गनानंधा ने ना सिर्फ जीत हासिल की है बल्कि दुनिया में भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
शतरंज की दुनिया में शानदार प्रदर्शन कर भारत के 12 साल के प्रग्गनानंधा ने इतिहास रच दिया है। इनका खेल पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। हर किसी के जुबान पर बस प्रग्गनानंधा का नाम है। वह शतरंज के इतिहास में देश के पहले और दुनिया के दूसरे सबसे छोटे ग्रैंडमास्टर बन गए हैं।
बता दें कि ये इनका तीसरा ग्रैंडमास्टर का खिलाब है। इन्होंने ये मुकाम करीब 12 साल 10 महीने में ही अपने नाम कर लिया है। पहले नंबर पर यूक्रेन के सेर्गेई कार्जाकिन का नाम है। इन्होंने साल 2002 में 12 साल की उम्र में सबसे छोटे ग्रैंडमास्टर का खिताब अपने नाम किया था।
दुनिया में भारत का परचम लहराने के बाद पूरा चेन्नई खुशियों से जगमगा उठा है। इनके कोच का तो खुशी का ठिकाना ही नहीं है। उनका कहना है कि मैं प्रग्गनानंधा की इस कामयाबी से बेहद खुश हूं। बता दें कि प्रग्गनानंधा से पहले सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर का ये रिकॉर्ड जिनके नाम दर्ज था उनकी उम्र महज 13 साल थी।
लेकिन इन सभी रिकॉर्ड्स को पीछे छोड़कर प्रग्गनानंधा ने सबको चौंका दिया है। इन्होंने अपने कारनामे से महज 12 साल में ही ग्रैंडमास्टर का खिताब अपने नाम कर लिया है। इस उपलब्धि पर विश्वनाथन आनंद ने भी इन्हें बधाई दी है।
विश्वनाथन ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, प्रग्गनानंधा, क्लब में शामिल होने पर स्वाग है और ढेर सारी बधाई इससे पहले प्रग्गनानंधा शतरंज में चैंपियन बनने से चूक गए थे। इटली में खेले गए इस टूर्नामेंट में भारत के प्रग्गनानंधा चौथे स्थान में थे।