17 जून को केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार के बाद विदेश चले गए राहुल गांधी रविवार शाम लौटे हैं। इस दौरान उत्तारखंड में
बाढ़ से भारी तबाही हुई, इसके बावजूद वह स्वदेश नहीं लौटे। मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया और उन पर चुटकी लेने लगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय से बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री से भरे 24 ट्रकों को ताम-झाम के साथ हरी झंडी दिखाकर उत्तराखंड रवाना किया है। इस मौके पर उनके साथ राहुल गांधी भी मौजूद थे। आपदा की इस घड़ी में उपाध्यक्ष राहुल गांधी के देश में न होने को लेकर अब तक बैकफुट पर दिख रही कांग्रेस राहत सामग्री के जरिए उनकी छवि सुधारने का प्रयास कर रही है।
सियासत के इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, वित्त मंत्री पी चिदंबरम, सड़क और परिवहन मंत्री ऑस्कर फर्नांडिज और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेलए कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी और अजय माकन भी मौजूद थे। अब सवाल यह उठ रहा है कि पीड़ितों को मदद भेजने के लिए जिस तरह के सियासी ताम-झाम का सहारा लिया गया, और आज जिस तरह से कांग्रेस ने टेंट लगाकर हरी झंडी दिखाकर राहत सामग्री से लदे ट्रकों को रवाना कियाए उसे सियासत नहीं कहेंगे तो क्याड कहेंगे।
मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक़ नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को अपनी स्पेशल ‘रेस्क्यू टीम’ के साथ देहरादून पहुंचे थे और दो दिन में ही वे लगभग वे 15 हजार गुजराती श्रद्धालुओं को वहां से बचा लाये। दिग्विजय सिंह ने मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि मोदी की किसी तरह की पहल से पहले ही लोग बचाए जा चुके थे, लेकिन वे इसका श्रेय खुद ले रहे हैं। तीखा वार करते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा था कि ‘फेंकू’ अपने काम में लग गया।
इसी के साथ भला विरोधी कैसे चुप रहते उन्होंने भी तीखा हमला करते हुए कहा है कि राहत सामग्री के जरिए कांग्रेस यह जताने की कोशिश कर रही है कि राहुल उत्तरांखड पीड़ितों के लिए राहत के कार्यों में लग हैं। BJP ने कांग्रेस की ओर से बड़े आयोजन के साथ राहत सामग्री भेजने को राजनीतिक स्टंट बतया है। BJP पार्टी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि लोगों ने इतना शोर मचाया तो वह विदेश से लौटे हैं। कांग्रेस राहत सामग्री भेजे लेकिन इस पर राजनीति न करे।