नई दिल्ली : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के मंगलवार को आए नतीजों में कांग्रेस ने भले ही छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। बावजूद इसके वह ईवीएम पर राजनीति करने से नहीं चूक रही है। तेलंगाना में हार का ठीकरा कांग्रेस ने खुलकर EVM पर ही फोड़ा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह जीते जरूर हैं पर ईवीएम का मुद्दा खत्म नहीं हुआ है। उनका अभी भी साफ मानना है कि जिस इलेक्ट्रॉनिक मशीन में चिप लगी है, उसमें छेड़छाड़ संभव है। चुनाव प्रभावित किए जा सकते हैं।
EVM में गड़बड़ी के इस मुद्दे ने मंगलवार को उस समय तूल पकड़ा, जब कांग्रेस की तेलंगाना प्रदेश इकाई ने EVM में गड़बड़ी का संदेह जताते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने की बात कही। साथ ही ईवीएम से मिले मतों का वीवीपैट से निकली पर्चियों से मिलान कराने की मांग की। ईवीएम पर संदेह जाहिर करने का कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों का यह राग कोई नया नहीं है। हालांकि इस विरोध के बीच फर्क इतना ही है, जहां वह हारती है वहीं इस तरह के आरोप लगाती है। इससे पहले भी इस मामले को लेकर वह चुनाव आयोग तक दरवाजा खटखटा चुकी है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में जीत का जश्न मना रही है और उसे वहां EVM में कहीं कोई खराबी नहीं दिखाई दी, जबकि तेलंगाना में जैसे ही पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा, तो पार्टी ने EVM में छेड़छाड़ का राग छेड़ दिया। तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, ‘मुझे परिणामों पर शक है। हम बैलेट पेपर काउंटिंग में जीत रहे थे। हमें शक है कि EVM के साथ छेड़छाड़ की गई है। वीवीपैट की पर्चियां गिनी जानी चाहिए। हम लोग इस मामले में चुनाव आयोग में भी शिकायत दर्ज कराएंगे।’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी इससे पहले EVM में गड़बड़ी को लेकर संदेह जता चुके हैं। आजाद ने इस मामले को सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में उठाया था। जिसमें उन्होंने भाजपा पर EVM का गलत फायदा उठाने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि जनता का अब ईवीएम पर से भरोसा उठ गया है। उन्होंने इस मामले को संसद में उठाने की भी बात कही।