राहुल ने अपने सांससदों को सुझाव देते हुए यह कहा है कि हमें अपने बीच की दुरियों को भूल आगे की तैयारियों में एक जुट होकर काम करना चाहिए। राहुल ने पार्टी के नेताओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा है कि
आप लोग राज्य में पार्टी की कमजोर हालत को देख कर घबराएं नहीं पूरे उत्साह से चुनाव कर तैयारियों में जुट जाएं।
वहीं राहुल ने बड़े नेताओं से कहा है कि वे ज्यादा से ज्यादा वक्त अपने इलाकों का दौरा करने में लगाए। राहुल का यह भी कहना है कि राज्य में कांग्रेस इस बार पिछली बार की तुलना में दोगुनी सींटे लेकर आएगी।
अब राहुल तो हमेंशा ही बहुत कुछ बोलते है। अपनी पार्टी को समय -समय पर सुझाव देना उनका अपनी पार्टी के प्रती कर्तव्य है, जिसका पालन राहुल करते ही रहते हैं। लेकिन इनके यह सुझाव पार्टी के लिए कितने कारगर साबित होते हैं ये तो आने वाले वक्त में चुनावी समीकरण को देखकर ही बताया जा सकता है।