राहुल बनाम मोदी या मधुमक्खी का छत्ता बनाम भारत माँ इस विवाद से फिलहाल देश का सियासी तापमान चुनावी माहौल की तरह गरमा गया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर शनिवार को अहमदाबाद से गुजरात के मुख्समंत्री नरेन्द्र मोदी ने शब्दों को प्रहार किया, तो को कांग्रेस भी कहां चुप बैठने वाले थे डनहोंने भी मोदी पर पलटवार कर दिया। भावनात्मक मुद्दों पर सियासी खेल में नरेन्द्र मोदी की काट के लिए कांग्रेस ने जहां उनकी समझ पर सवाल उठाए, वहीं मधुमक्खी को भी देवी करार दिया। सूचना मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि मधुमक्खी देवी का रूप हैं। देवी के इस रूप को भ्रामिक कहते हैं और उत्तराखंड में उनका मंदिर भी है। शायद राहुल गांधी की यह बात मोदी की समझ में नहीं आई। उन्होंने छत्ते का मतलब समझाते हुए कहा कि इसका मतलब भारतीय समाज की एकता से है। उनके आपस में तालमेल के साथ एक लक्ष्य के लिए काम करने से है। ये बातें उन लोगों के सिर के ऊपर से गुजर गई, जो अंधराष्ट्रभक्त होने का दावा करते हैं।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने भी अपने तेवर दिखाते हुए कहा कि कांग्रेस को भाजपा से देशभक्ति का पाठ पढ़ने की जरूरत नहीं है। राजीव शुक्ता ने कहा वह किस बारे में बात कर रहे हैं। पहले उन्हें समझना चाहिए कि भारत माता के लिए बलिदान कैसे दिया जाता है। अभी तक देश के लिए किसी भाजपा नेता ने बलिदान नहीं दिया। मोदी उन्हें पाठ सिखा रहे हैं जिनके पिता और दादा ने देश के लिए जान दे दी। अब सब बोल रहे हैं तो केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल भी कैसे पीछे रहते वो भी बोल पड़े उन्होंने कहा कि मोदी केंद्रीय राजनीति में आना चाहते हैं, लेकिन लगता है लोकल दादा की तरह। भाजपा ने इस मामले में मोदी की ही लाइन बढ़ाई है। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडे़कर ने कहा, भारत हमारे लिए मां है और इसमें किसी की आपत्ति समझ से परे हैं।
यहाँ तो कांग्रेस नेताओं की देश भक्ति की भावना सुनते ही बन रही थी। बातों से इतना दम भरने वाले कांग्रेस नेता मोदी का नाम सुनते ही पता नहीं क्यों बौखला से जाते हैं, खैद मुद्दा जहां राजनीति का हो वहां ऐसा गरमा गरमी का माहौल बनना ता लाजमी है। और राजनीति में प्रधानमंत्री के पद को लेकर राहुल और मोदी की चर्चाएं तो आम है। खास तो इसका परिणाम ही बताएगा की मैदान में बाजी कौन मारता है।