CBI के एक सीनियर अधिकारी ने दावा किया कि
इस मामले में सरकार में शामिल ‘टॉप’ लोगों को सारी जानकारी दी जा रही थी। CBI इस एनकाउंटर की जांच गुजरात हाई कोर्ट के दिशा-निर्देश में कर रही है। सीबीआई को इस मामले में 4 जुलाई से पहले चार्जशीट दाखिल करनी है।
CBI अधिकारी के मुताबिक, चार्जशीट दाखिल करने के बाद CBI राजेंद्र कुमार को गिरफ्तार करेगी। राजेंद्र कुमार 31 जुलाई को रिटायर्ड होने वाले हैं। राजेंद्र कुमार 1979 बैच के IPS अधिकारी हैं। वह मूल रूप से मणिपुर-त्रिपुरा कैडर के अधिकारी हैं। वह आईबी के जाने-माने अधिकारी हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक CBI अपनी चार्जशीट में अमित शाह का नाम डाल सकती है यानी कि उन्हें आरोपी बनाया जा सकता है। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि इस मामले में कुछ पुलिसवालों के बयान को आधार बनाया गया है।
इस एनकाउंटर के बाद गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि वे सभी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैबा के मेंबर थे, और उनका मकसद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करना था। हालांकिए इशरत के परिवारवालों और कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने उन्हें निर्दोष बताया था।
सूत्रों के मुताबिक नरेंद्र मोदी और उनके करीबी अमित शाह को इशरत जहां के फर्जी एनकाउंटर की जानकारी थी। हालांकि अब देखना यह है कि इतने पुराने मामले में CBI कैसे सबूत पेश कर पाएगी। इससे पहले नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा था कि उन्हें CBI का डर दिखाने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे जांच एजेंसी से डरते नहीं है।
गौरतलब है कि 15 जून 2004 को अहमदाबाद में इशरत जहांए जावेद शेख, अमजद अली राणा और जीशान को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। वहीँए गुजरात का एक प्रतिनिधिमंडल इशरत जहां मामले में आज राष्ट्रगपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करने वाला है। इस प्रतिनिधिमंडल में अर्जुन मोढवाडियाए शंकर सिंह वाघेला और अहमद पटेल शामिल हैं।