उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा से देश को सबसे अधिक हानी पहुंची है। हम लोग इस भाषा के पीछे भागने के कारण अपने धर्म, साहित्य को पीछे छोड़ते जा रहे हैं। आज भारत में संस्कृत बोलने वालो कि संख्या केवल 14 हज़ार हैं।
उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि अंग्रेजी का ज्ञान बुरा हैए लेकिन अब अंग्रेजियत युवाओं पर हावी हो रही है जो कि देश के लिए बेहद ही दुःख का विषय है।
राजनाथ के इस बयान से कांग्रेस और बीजेपी के बीच अंग्रेजी को लेकर घमासान शुरू हो गया है। सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने राजनाथ सिंह का नाम लिए बगैर बीजेपी की नीतियों पर पलट वार किया है। मनीष तिवारी ने ट्विटर पर लिखा है, ” विरोधाभास: बीजेपी का विजन डॉक्यूमेंट अंग्रेजीकृत नीतियां तैयार करने वालों को आउटसोर्स करती है। साथ ही बीजेपी ये शोर मचाती है कि अंग्रेजी से देश को भारी नुकसान हो रहा है: पाखंड या रूढ़िवाद।
बरहाल सोचने वाली बात तो यह है कि राजनाथ सिंह ने अपना यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब बीजेपी इन दिनों युवा वोटरों को रिझाने के लिए प्रयास में लगी हुई है।