चुनावी साल की शुरूआत के साथ ही एक बार फिर राम मंदिर मुद्दे को गरमाने की कोशिश शुरू हो गई है। इस सिलसिले में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के संरक्षक अशोक सिंघल की अगुआई में संतो के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति प्रणम मुखर्जी से मुलाकाल की। प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से संसद में कानून बनाकर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने की मांग की है।
राष्ट्रपति को सौपे ज्ञापन में इलाहाबाद हाई कोई के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया है कि
विवादित स्थल राम का जन्मस्थान है और यहां पर पहले मौजूद मंदिर के ऊपर इस्लाम के नियमों के खिलाफ बाबर ने मस्जिद का निर्माण कराया था। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह कानून बनाकर विवादित स्थान पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करे। साथ ही इस कानून में इस बात का प्रावधान भी किया जाए कि अयोध्या की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सीमा में कोई भी मस्जिद या इस्लामिक स्थल का निर्माण नहीं किया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में अशोक सिंघल के साथ-साथ रामजन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास, पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानन्द सरस्वती और हिन्दू धर्म आचार्य सभा के अध्यक्ष दयानंद सरस्वती समेत कई संत शामिल थे।