अगर हमे सही सुन्दरता की पहचान है तो हमारा कोई भी मित्र या करीबी कभी भी वृद्ध नहीं हो सकता । वह वैसा ही रहेगा जैसा
हमने उसे पहली बार देखा था, उसकी खुबसूरती वैसी ही दिखेगी जैसी मैंने पहली नजर में देखी थी। अतिशय सुंदरता कभी-कभी हमें भयानक रूप से ठेस भी पहुंचा सकती है। खूबसूरती एक अनुभव है इसके सिवा कुछ भी नही। इसे बयां करने के लिए स्थापित मानक नही है न ही नाक – नक्श का वणर्न करना काफी है। खूबसूरती चेहरे पर नही होती, ये तो दिल की रोशनी है बहुत ध्यान से देखनी पड़ती है। जो सुंदरता आंखों द्वारा देखी जाती है, वह कुछ ही पल कि होती है, यह जरूरी भी नहीं कि हमारे भीतर से भी वही खूबसूरती दिखाई दे ।
दुनिया की सबसे अच्छी और खूबसूरत चीजें कभी देखी या छुई नहीं गई, वे बस दिल के साथ घुल – मिल गईं। सुंदर चीजों पर यकीन बनाये रखिये। याद रहे सूरज डूब गया तो वसंत भी नहीं आएगा। एक शख्स हर दिन संगीत सुने, थोड़ी सी कविता पढ़े और अपने जीवन की सुंदर तस्वीर रोज देखे, उसे सुंदरता की परिभाषा तलाशने की ज़रूरत ही नहीं, क्योंकि भगवान ने सारे संसार का सौंदर्य उसकी झोली में डाल रखा है। खूबसूरती में मानव खुद को पूर्णता के स्तर पर देखता है कुछ परिस्थितियों में वह खुद की पूजा करता है मनुष्य यह मान लेता कि यह पूरा विश्व खूबसूरती से भरा हुआ है। वह भूल जाता है कि जो सुंदरता वह देख रहा है वह उसके द्वारा बनाई हुई है ।
मानव ने अकेले ही इस जहान को खूबसूरती अर्पित कि है। सुंदरता जब आपको आकर्षित कर रही होती है व्यक्तित्व तब तक आपके दिल पर कब्ज़ा कर चुका होता है। हम सारी दुनिया घूमते और खूबसूरती तलाशते रहते है, कभी मुड़ के भी नहीं देखते जो खूबसूरती अपने पास ही छुपी हुई होती है। आप कभी भी कुछ सुंदर देखने का मौका मत छोडो, सच तो यह है कि खूबसूरती भगवान की लिखावट है। हर चेहरे पर, धुले-धुले आसमान में, हर फूल में उसकी लिखावट नज़र आएगी और हे भगवान, इस सौंदर्य के लिये हम आपके आभारी हैं। सुंदरता सबको चाहिए। इसके लिये आओ, बाहर आओ और सुन्दरता को पहचानों।