पटना: जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों।।।लेकिन लगता है इस गीत के बोल सवर्ण समाज के लोगों के लिए इन दिनों सटीक नहीं बैठ रहा। तभी तो क्या उपर वाला और क्या नीचे वाला सबने तय कर लिया है कि सवर्ण समाज की ना तो सुनना है और नाही भाव देना है। सालों साल से चिर निद्रा में सोने वाले सवर्ण समाज के लोगों ने देर से ही सही लेकिन एससी एसटी एक्ट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आरक्षण के विरोध में मुखर हो रहे हैं। सीएम से लेकर विधायक और सांसदों का घेराव कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं। बावजूद इसके सवर्ण समाज को इंसाफ मिलने के बजाय लाठी-डंडा मिल रहा है।
गुरुवार को पटना के डाक बंगला चौक पर जिस तरह से सवर्ण समाज के लोगों को दौड़ा दौड़ाकर पीटा गया उसे कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता है। क्षण भर के लिए माना जा सकता है कि सवर्ण समाज के लोगों ने प्रतिबंधित क्षेत्र में आकर नियम का उल्लंघन किया, लेकिन एक मिनट ठहरिया। हो सके तो ठंडा पानी पीजिए ओर कूल कूल होकर सोचिए। क्या इस भीड़ को काबू करने के लिए अन्य उपाय नहीं अपनाए जा सकते थे।
हम और आप भलिभांति जानते हैं कि हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। इस घटना का भी होगा। और हुआ। देखते ही देखते सोशल मीडिया में धराधर फोटो और वीडियो आने लगे। लोग कमेंट करने के साथ साथ फोटो शेयर री शेयर करने लगे। वैसे इनमें से कई लोगों का मानना है कि भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की। जदयू की सरकार हो या राजद की। सवर्ण नेता हो या दलित नेता कोई भी सवर्णों के लिए आगे नहीं आते हैं और नहीं आएंगे। फिर भी ये आंदोलन क्यों करते हैं वह समझ से परे है।
कुछ कमेंट जो सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है : पकंज श्रीवास्तव लिखते हैं कि- तस्वीर देखकर क्या आपको लगता है कि इन्होंने पुलिस का प्रतिकार किया होगा? खैर सरकार और डंडा दोनों नीतीश बाबू के पास है। इसका वो जैसे इस्तेमाल कर लें क्योकि इन्हें पता है सर्वण मतदाता उन्हें छोड़कर जायेगे कहाँ? वैसे ये तस्वीर हैं राजधानी पटना की जहाँ आज एसएसी-एसटी एक्ट के खिलाफ भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के बैनर तले सवर्ण सेना मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रही थी।एसएसी-एसटी एक्ट के खिलाफ सड़क पर उतरे भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के कार्यकर्ता : एसएसी-एसटी एक्ट के खिलाफ भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के बैनर तले सवर्ण सेना शुक्रवार को सड़क पर उतरी। सवर्ण सेना मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हो गये। साथ ही कुछ पुलिसकर्मियों और पत्रकारों को भी चोटें आयी हैं। इस भगदड़ में जूते-चप्पल छोड़ कर प्रदर्शनकारी भागने को मजबूर हो गये।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि छह सितंबर को भारत बंद के दौरान गिरफ्तार किये गये लोगों को अविलंब रिहा किया जाये। कई जिलों में महिलाओं पर हुई बर्बर्तापूर्ण कार्रवाई पर सरकार कार्रवाई करे। साथ ही सवर्ण सेना ने सरकार से मांग की है कि गरीब सवर्णों को आरक्षण दिया जाये, ताकि उन्हें भी आगे बढ़ने का मौका मिले।