इन दिनों शेयर बाजार की हालिया तीव्र उछाल से भारतीय खुदरा निवेशक चौकन्ने हो गये हैं। नवंबर तक लगातार निवेश हो रहा था, मार्च में इन्होंने मुनाफावसूली करना पसंद किया क्योंकि सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गए। निवेशकों ने मार्च में 1935 करोड़ रुपये के यूनिट्स बेचकर रकम निकाली और कई इक्विटी फोलियो बंद कर दिया। करीब 3.65 लाख खाते बंद हुए, जो दिसंबर के बाद का सर्वोच्च स्तर है।
यदि बंद कराए गए खाते की इस संख्या को जोड़ दें तो म्युचुअल फंड ने 2013-14 में करीब 40 लाख खाते गंवाए। एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट के प्रबंध निदेशक मिलिंद बार्वे ने कहा, वित्त वर्ष 2014 की दूसरी छमाही में शेयर बाजार में मजबूत सुधार देखने को मिला। निवेशकों ने इसका इस्तेमाल रकम की निकासी के लिए किया। हालांकि ज्यादातर निवेशक वापस लौट सकते हैं।
2010-11 से एमएफ इक्विटी खाते में तेजी से गिरावट आई है। यह साल 2009 के 4.11 करोड़ के मुकाबले 2.91 करोड़ पर आ गया। रिलायंस एमएफ के मुख्य कार्याधिकारी संदीप के अनुसार, वित्त वर्ष 2014 में एक अच्छी चीज देखने को मिली और वह है इक्विटी निवेश में खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी का फिर से बहाल होना। जानकारों का लंबे समय से यह कहना हैं कि खुदरा निवेशकों को इक्विटी की तरफ खींचने के लिए मजबूत व टिकाऊ तेजी की दरकार है। वित्त वर्ष 2014 में शायद ही ऐसा आकर्षण देखा गया, बावजूद इसके कि सूचकांक में 20 फीसदी की तेजी आई।
देश के दूसरे सबसे बड़े फंड हाउस ICICI प्रूडेंशियल एएमसी के मुख्य निवेश अधिकारी एस नरेन ने कहा, वित्त वर्ष 2014 की पहली छमाही अस्थिर रही। अर्थव्यवस्था में सुधार के चलते दूसरी छमाही में बाजार में तेजी आई। हालांकि संपत्ति वर्ग के तौर पर निवेशकों ने इक्विटी पर आवंटन में कटौती की।