नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मास्ट र ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपनी कितान ‘प्लेइंग इट माई वे’ में टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल की तीखी आलोचना की है। तेंदुलकर ने ग्रेग चैपल पर तीखा हमला करते हुए लिखा है कि चैपल का व्यवहार एक रिंग मास्टर की तरह था और वह अपनी बात खिलाड़ियों पर थोपते थे।
सचिन तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माय वे’ में कई सनसनीखेज़ खुलासे किए हैं। सचिन ने लिखा है ग्रेग चैपल 2007 वर्ल्ड कप के पहले राहुल द्रविड़ को हटाकर उन्हें कप्तान बनाना चाहते थे। सचिन लिखते हैं कि चैपल एक बार उनके घर आए। बातों ही बातों में उन्होंने कहा, हम लोग साथ मिलकर भारतीय क्रिकेट पर वर्षों कब्ज़ा कर सकते हैं। मुझे द्रविड़ से कप्तानी की बागडोर लेने में मदद करो। मैं हैरान रह गया। मेरे साथ ही बैठी अंजलि भी बेहद हैरान थी।
सचिन कहते हैं, मैं सकते में था। वर्ल्ड कप शुरू होने में थोड़ा ही समय बचा था। कोच के मन में कप्तान के प्रति कोई सम्मान नहीं था। चैपल कई घंटों तक सचिन को इसके लिए तैयार करने की कोशिश करते रहे, लेकिन सचिन ने ये प्रस्ताव वहीं ठुकरा दिया।
चैपल ने सचिन को कई बार नाज़ुक और कमज़ोर कहा था। चैपल ने सचिन के बल्लेबाज़ी क्रम में भी फेरबदल करने की कोशिश की। चैपल ने माना था कि इसके बाद दोनों के रिश्ते बिगड़ते चले गए।
इसके आलावा भी चैपल टीम में कई बदलाव करना चाहते थे जो सीनियर खिलाड़ियों को कभी पसंद नहीं आया। भारतीय गेंदबाज हरभजन सिंह और तेज़ गेंदबाज़ ज़हीर ख़ान भी चैपल की आलोचना कर चुके हैं।
गौरतलब है कि चैपल को 2005 में भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनाया गया था। उनका 2 साल का कार्यकाल विवादों भरा रहा। कप्तान सौरव गांगुली से उनका छत्तीस का आंकड़ा रहा। गांगुली को कप्तानी से हटाने में उनकी बड़ी भूमिका रही।